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उप्र : बजट सत्र के पहले दिन CAA-NRC पर विधानसभा में हंगामा, विपक्ष का हल्लाबोल

Update: 2020-02-13 07:51 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। बजट 18 फरवरी को पेश किया जाना है। इस बार बजट का आकार करीब पांच से सवा पांच लाख करोड़ रुपये के करीब होने का अनुमान है।

बजट सत्र शुरू होते ही विधानसभा में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के भाषण के दौरान विपक्ष ने सीएए-एनआरसी और कानून-व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों पर जोरदार प्रदर्शन किया।

वहीं, बजट में इस बार अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ ही प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर अधिक धनराशि दिए जाने के संकेत हैं। इसके अलावा पिछड़े हिस्से पूर्वांचल और बुंदेलखंड में सड़क, बिजली, पानी तथा अन्य जरूरतों के लिए विशेष पैकेज के तहत बड़ी धनराशि दी जा सकती है।

प्रदेश सरकार ने तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इन तीन सालों का लेखा जोखा विभाग तैयार कर रहे हैं। प्रदेश की जनता की अन्य दिक्कतों को दूर करने के लिए 2020-21 के नए बजट में अधिक ध्यान दिए जाने की उम्मीद है। बताया जाता है कि बजट जनता की सुविधाओं और सेवाओं के करीब रहेगा। प्राथमिक शिक्षा में सुधार तथा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने पर अधिक जोर इस बार के बजट में दिया जा रहा है।

इसी प्रकार पूर्वांचल और बुंदेलखंड के पिछड़नेपन को दूर करने का इंतजाम भी बजट में किया जा रहा है। बताया जाता है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार इन दोनों क्षेत्रों को विशेष पैकेज के तहत अधिक धनराशि दिए जाने की तैयारी है। चालू बजट में पूर्वांचल को 300 करोड़ रुपये दिए गए थे जबकि बुंदेलखंड के लिए 200 करोड़ रुपये दिए गए थे। इस बार यह राशि बढ़ने की उम्मीद है।

बजट के माध्यम से प्रदेश सरकार ने वाराणसी, मथुरा और अयोध्या के लिए नई योजनाएं शामिल किए जाने की चर्चाएं हैं। इन तीनों पर्यटन व धार्मिक शहरों के विकास के लिए नये पैकेज दिए जा सकते हैं।

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