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उप्र : अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष की गोली मारकर हत्या, भाई भी घायल

Update: 2020-02-02 06:34 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार सुबह अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष रणजीत बच्चन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि बच्चन मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे, तभी हजरतगंज इलाके में बाइक सवार बदमाशों ने गोली मार दी। रणजीत बच्चन की मौके पर ही मौत हो गई। बदमाशों ने रणजीत बच्चन के सिर में कई गोलियां मारी हैं। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस के आलाअधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और कातिलों की तलाश में जुट गई है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले रणजीत बच्चन हजरतगंज इलाके की ओसीआर बिल्डिंग के बी ब्लॉक में रहते थे। सीडीआरआई के पास बदमाशों ने गोली उन्हें गोली मार दी। इस घटना में उनके भाई के हाथ में भी गोली लगी है और उन्हें इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर में एडमिट किया गया है। राजधानी के सबसे व्यस्त इलाके में ताबड़तोड़ फायरिंग से सनसनी फैल गई है। सुबह-सुबह हुई गोलीबारी से इलाके में दहशत का माहौल है।

लखनऊ पुलिस कमिशन्नर सुजीत पांडेय ने रणजीत बच्चन हत्याकांड की जांच के लिए छह टीमें गठित की है। पुलिस उनसे जुड़ी हर गतिविधियों के बारे में पता कर रही है। वहीं उनके सोशल मीडिया अकाउंट भी खंगाले जा रहे हैं। दूसरी तरफ उनके यहां आने-जाने वाले और परिवार के अन्य लोगों से भी पुलिस की टीम जानकारी इकट्ठा कर रही है।

अखिल भारतीय हिंदू महासभा प्रदेश अध्यक्ष की हत्या के बाद सियासत तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी ने इस घटना को लेकर सीधे योगी सरकार पर निशाना साधते हुए इस्तीफा मांगा है। पार्टी का कहना है कि लखनऊ में दिनदहाड़े इस हत्या के चलते आम लोगों में दहशत का माहौल है। यूपी में सरकार और पुलिस का इकबाल खत्म हो गया है इसलिए इस सरकार को फौरन इस्तीफा दे देना चाहिए।

हाल के महीनों में राजधानी लखनऊ में यह हिंदू संगठन से जुड़े दूसरे नेता की हत्या है। इससे पहले बीते साल अक्टूबर में बदमाशों ने हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की खुर्शेदबाद इलाके में 18 अक्टूबर को गला रेतकर हत्या कर दी थी। इस मामले के तार गुजरात तक जुड़े थे। उत्तर प्रदेश की पुलिस ने गुजरात से हत्या में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार किया था। फिलहाल यह मामला फास्टट्रैक कोर्ट में है। पुलिस ने इस हत्याकांड में 13 लोगों को आरोपी बनाया है। इन पर हत्या, आपराधिक साजिश रचने, साक्ष्य छिपाने, धोखाधड़ी, आर्म्स एक्ट, आरोपियों को संरक्षण देने, फर्जी दस्तावेज बनाने और आईटी एक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। 

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