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उप्र शिया वक्फ बोर्ड ने किया सीएए कानून का समर्थन

- अफगानिस्तान-पाकिस्तान के शिया मुसलमानों को भी सीएए में शामिल करने की मांग

Update: 2019-12-17 12:17 GMT

लखनऊ। उप्र शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) का समर्थन किया है। बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने केन्द्र सरकार को इस सम्बन्ध में पत्र लिखकर सीएए के दायरे में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के शिया मुसलमानों को भी शामिल करने की मांग का हवाला दिया है।

रिजवी ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा सबसे ऊपर है, जिससे कोई समझौता नहीं हो सकता। एनआरसी और सीएए राष्ट्र की सुरक्षा से संबंधित हैं। उप्र शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड इसका समर्थन करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सुन्नी कट्टरपंथी मुसलमान सरकार विरोधी पार्टियों की साजिश का शिकार हो गए हैं, जो सड़क पर उतर कर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। शियाओं को इस विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होना चाहिए। क्योंकि शियाओं पर सुन्नियों की ज्यादती का ब्यौरा देते हुए एक प्रतिवेदन भारत सरकार को सौंपा है कि शिया भी इन मुसलमानों के जुल्म का शिकार हैं।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में कट्टरपंथी मुसलमान शिया मुसलमान पर भी जुल्म करते हैं, इसलिए सीएए में यहां के शियाओं को भी शामिल करना चाहिए। भारत सरकार हमारी बात पर विचार कर रही है।

रिजवी के मुताबिक एक लाख से ऊपर शिया मुसलमान तो सिर्फ अफगानिस्तान में तालिबान ने मारे हैं। हजारों शिया पाकिस्तान में मारे जा चुके हैं और देश के विभाजन के समय जो मुसलमान भारत छोड़ कर गये थे उसमें शियों की तादाद बहुत कम थी। इसलिए शिया पाकिस्तान में मात्र 12 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम मदरसों और मुस्लिम शैक्षणिक संस्थानों में पहले से ही विदेशी घुसपैठिए छुपे हुए हैं। यह देश के लिए बड़ा खतरा भी हैं। देश भर में जो विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं उनमें इन्हीं विदेशी ताकतों का हाथ है। देश के युवाओं को बहकाया जा रहा है। शियाओं को इस विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होना चाहिए। शिया वक्फ बोर्ड की सम्पत्तियों पर अगर कोई विरोध प्रदर्शन हुआ तो बोर्ड उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।

वसीम रिजवी ने इससे पहले हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा था कि ओवैसी कट्टरवादी विचारधारा से संबंध रखते हैं इसलिए कभी बिल फाड़ते हैं तो कभी राम मंदिर का नक्शा फाड़ने वालों का समर्थन करते हैं। कांग्रेस ने आतंकवाद को हिन्दुस्तान में जन्म दिया है। अब जब आतंकवाद को रोकने की कोशिश की जा रही है तो इसका विरोध किया जाना गलत है। हिन्दू अल्पसंख्यकों की मदद भारत नहीं करेगा तो कौन करेगा। 

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