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यूपी कैबिनेट में होगा बदलाव, नए नाम हो सकते हैं शामिल

Update: 2019-08-17 08:00 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सरकार की कैबिनेट में बहुत जल्द बड़ा बदलाव होने जा रहा है। कैबिनेट में रिक्त जगहों और परिवर्तित स्थानों को बदलने पर चर्चा अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। नए नाम को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है और इसकी तैयारी में जुटे मुख्यमंत्री ने सब कुछ अपने नियंत्रण में रखा हुआ है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार चलाने की शुरुआत करते ही जीरो टालरेंस की बात कही और मं​त्री स्तर से आरक्षी स्तर तक इसको क्रियान्वयन में लाने की अपेक्षा की। सीएम योगी इसे स्थापित करने के लिए विभिन्न विभागों में कार्यरत बड़े अधिकारियों की कुर्सियों में भी फेरबदल किया और ईमानदारी से कार्य करने वाले अधिकारियों को प्राथमिकता दी।

इसके साथ ही योगी ने पिछली सरकारों में बनी बड़ी परियोजनाओं की जांच भी शुरु करा दी है। गोमती रिवर फ्रंट, जेपी इंटरनेशनल बिल्डिंग जैसी जांच का आदेश दिया गया। प्रदेश सरकार के मंत्रियों को ही जांच का अधिकारी बना दिया गया। समय बीतने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टालरेंस की नीति पर कुछ मंत्रियों ने पर्दा डालने की कोशिश की, जिसकी शिकायत भी मुख्यमंत्री तक पहुंची।

कुछ मंत्रियों ने बड़े मामलों की जांच हाथ में आने पर समय बीतते हुए उसमें धीमी गति अपना ली। अभी तक जिसमें जांच रिर्पोट नहीं दे सके। इसी बीच कुछ मंत्रियों को पिछली लोकसभा में टिकट देकर सांसद बनने का सौभाग्य दे दिया गया। जिसके बाद उनके मंत्रालय विभाग खाली हो गए। इसी तरह से गठबंधन में चल रहे एक मंत्रालय को खाली करा लिया गया, उस मंत्रालय की जिम्मेदारी बतौर कार्यवाहक एक राज्यमंत्री उठा रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी अपने कैबिनेट में बदलाव की तैयारी में जुटे हुए हैं। इसके लिए नामों पर ठीक से विचार किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो योगी के मंत्रीमंडल में ऐसे नाम शामिल होंगे, जो व्यक्तिगत प्रमाणिक, निष्ठावान तथा विभाग से जुड़े जनता के प्रति जवाबदेही पर खरा उतरें। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि योगी के मंत्रीमंडल में वैचारिक विधायकों को प्रा​थमिकता दी जाएगी।

योगी की इस प्रक्रिया में भाजपा के प्रदेश संगठनमंत्री सुनील बंसल एवं क्षेत्रीय संगठनमंत्रियों के अलावा भाजपा कोर कमेटी के पदाधिकारी शामिल हैं।

मंत्रीमण्डल विस्तार में वर्तमान में राज्यमंत्री व स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री पद पर कार्य देख रहे मंत्रियों का भी कद बढ़ाते हुए उनको कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। जिसका फैसला मुख्यमंत्री और संगठन स्तर पर तय माना जा रहा है। कई नाम कैबिनेट मंत्री के रेस में है, जिन्होंने अपने काम को पूरी ईमानदारी के साथ किया है। और आगे भी विभागीय कार्यो को ईमानदार बनकर निभाने की इच्छाशक्ति जाहिर कर रहे हैं।

मंत्रीमण्डल विस्तार में काशी क्षेत्र, बुंदेलखंड, रुहेलखण्ड, पश्चिम उत्तर प्रदेश, अवध क्षेत्र, गोरक्ष क्षेत्र का भी अलग अलग ध्यान रखा गया है। इस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल और उपचुनाव के लिए बनी निर्वाचन समिति विचार कर रही है। 

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