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लखनऊ लोकसभा सीट पर सपा-बसपा का कभी नहीं खुला खाता

-लगातार पांच बार जीतकर संसद पहुंचे थे अटल बिहारी बाजपेई

Update: 2019-04-24 08:38 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ लोकसभा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई लगातार पांच बार जीतकर संसद पहुंचे। अटल जी के राजनीति से सन्यास लेने के बाद लालजी टण्डन और उनके बाद राजनाथ सिंह इस सीट से संसद में पहुंचे। इस सीट पर लगातार पांच बार जीत का रिकार्ड अटल जी के नाम रहा लेकिन सपा-बसपा का खाता लखनऊ में कभी नहीं खुला।

इस बार सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा मैदान में हैं तो कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को मैदान में उतारा है। उत्तर प्रदेश में सपा बसपा रालोद में हुए गठबंधन के बाद लखनऊ लोकसभा सीट सपा के खाते में आयी है। लखनऊ में करीब साढ़े तीन लाख कायस्थ मतदाता हैं। इसलिए सपा की नजर सपा-बसपा मतदाताओं के साथ कायस्थ मतदाताओं पर टिकी है। कांग्रेस पार्टी ने भी लखनऊ से राजनाथ सिंह के खिलाफ बाहरी उम्मीदवार संभल के रहने वाले कल्कि पीठा​धीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम को पार्टी का उम्मीदवार बनाया ह्य प्रमोद कृष्णम वर्ष 2014 में भी संभल से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। वह मात्र 16 हजार वोट पाकर पांचवे स्थान पर थे। इसलिए सपा-बसपा और कांग्रेस के बाहरी उम्मीदवार लखनऊ के मतदाताओं का कितना दिल जीत पायेंगे, यह तो समय ही बतायेगा।

लखनऊ में कई फिल्मी सितारों को मिली है करारी शिकस्त

लखनऊ लोकसभा से कई फिल्मी सितारों ने अपनी किस्तम आजमाई लेकिन मुंह की खानी पड़ी। वर्ष 1996 में सपा ने राजबब्बर को अटल के खिलाफ लखनऊ से उतारा था, लेकिन वे चुनाव हार गये। वर्ष 1998 में सपा ने मुजफ्फर अली को खड़ा किया तो वह भी अटल के सामने टिक नहीं सके। 2009 में सपा ने मिस इंडिया नफीसा अली खान को उम्मीदवार बनाया। उनकी सभाओं में भीड़ तो खूब उमड़ी लेकिन भीड़ को वोट में तब्दील नहीं कर पायी और भाजपा के लालजी टंडन विजयी हुए। 2014 में आम आदमी पार्टी से जावेद जाफरी लखनऊ में राजनाथ के खिलाफ चुनाव लड़े थे लेकिन वह भी हार गये।

लखनऊ में अटल बिहारी बाजपेई के चुनाव संचालन समिति के प्रमुख रहे ह्रदय नारायण श्रीवास्तव ने 'हिन्दुस्थान समाचार' को बताया कि लखनऊ में जातिगत फैक्टर नहीं चलता है। मात्र कायस्थ होने पर पूनम सिन्हा को वोट नहीं मिल जायेगा। कांग्रेस प्रवक्ता जीशान हैदर का कहना है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम दमदारी के साथ चुनाव लड़ रहे हैं और लखनऊ की जनता का उन्हें अपार समर्थन मिल रहा है। 

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