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उप्र ने प्रधानमंत्री के बाद अब राष्ट्रपति बनाने का सफर किया शुरू: रामनाथ कोविंद

अपने पैतृक गांव के पास झींझक में राष्ट्रपति के इस बयान से उनके चहेतों में छाई खुशी की लहर

Update: 2021-06-26 00:15 GMT

लखनऊ/कानपुर। अमूमन शांत स्वभाव के साथ गंभीर दिखने वाले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जब शुक्रवार को अपने रूरा स्टेशन पहुंचे तो रूरा के सैकड़ों चहेते उनको देखने पहुंच गये। अपनों के बीच पहली बार जब राष्ट्रपति रहे तो उन सभी को देख ऐसा बयान दिया कि राजनीतिक पंडितों को सोचने को मजबूर कर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश से नौ प्रधानमंत्री देश के हुए, पर राष्ट्रपति पहली बार आपके आर्शीवाद व स्नेह से हुए। उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश से राष्ट्रपति बनने का रास्ता खुल गया है और आगे भी यहां से राष्ट्रपति होंगे। उनके इस बयान से उनके चाहने वालों में खुशी की लहर छा गई और कयास लगाया जा रहा है कि अगले साल होने वाले राष्ट्रपति के चुनाव में रामनाथ कोविंद फिर एनडीए के उम्मीदवार होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने शैक्षणिक स्थली कानपुर नगर छठी बार शुक्रवार को आए और पहली बार उन्होंने ट्रेन से यात्रा की।

राष्ट्रपति की प्रेसीडेंशियल महाराजा ट्रेन कानपुर देहात के रूरा स्टेशन पर सायंकाल जैसे ही सीटी बजाई तो उनके चाहने वाले व रूरा के आसपास गांव के सैकड़ों लोगों में खुशी का ठिकाना न रहा। राष्ट्रपति को देखने के लिए स्टेशन के आसपास लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। उन्होंने यहां मौजूद लोगों को सम्बोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने सबका आशीर्वाद मांगा। उन्होंने लोगों से अपील की है कि हमेशा निष्पक्ष होकर ही मतदान करना। उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को समझदार और जागरुक बनना चाहिए तभी देश उन्नत करेगा। आगे कहा कि "वसुधैव कुटुम्बकम" को हम भूलते जा रहे हैं, इसी कारण सभी सुविधाएं होने के बाद भी शायद आज हम पहले जितना खुश नहीं हैं। हम सबको मिलकर आगे बढ़ाना है और तरक्की के रास्ते पर और आगे ले जाना है। हंसते हुए कहा कि समय पर हम आ जरूर गए थे पर आपके स्नेह से विलम्ब से जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश से खुला राष्ट्रपति बनने का रास्ता

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि उत्तर प्रदेश से राष्ट्रपति बनने का रास्ता खुल गया है। इसके पहले उत्तर प्रदेश से कई प्रधानमंत्री बने पर पहली बार कोई राष्ट्रपति बना है। यह आप सबका आशीर्वाद है। मैं आपको संकेत दे रहा हूं कि आप संघर्ष और अनुकरणीय कृतज्ञ लेकर अगर आगे चलेंगे तो कहां से कहां तक पहुंच सकते हैं, यह आप सोच नहीं सकते हैं।

इस बार भी आने में मुश्किलें थीं पर मैं आया

राष्ट्रपति ने अपने भाषण में लोगों से कहा कि वह पिछले तीन वर्षों से अपने जन्मभूमि पर आने का प्रयास कर रहे हैं। पिछली बार कोरोना और उसके पहले व्यस्तता ने आने नहीं दिया। इस बार भी लोगों ने मना किया कि बारिश का मौसम है पर मैं यह कहकर आ गया कि बारिश में भी मेरे अपने मुझे समय देंगे मैं उनसे मिलने जा रहा हूं।

अदृश्य महामारी कोरोना से बचकर रहें

राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना महामारी अदृश्य है यह दिखाई नहीं देती। इससे बचने के लिए मास्क जरूर लगाएं। सावधान रहें और दूसरों को भी इस बीमारी से बचने के उपाय बताते रहें।

कानपुर में राष्ट्रपति का स्वागत करने वालों में उत्तर प्रदेश राज्यपाल आनंदीबेन उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री आदित्य योगी नाथ ने मंत्रियों सांसद विधायकों सहित अभिवादन किया।

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