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मायावती ने कहा - सीएए के विरोध प्रदर्शन पर दर्ज मुकदमे वापस ले सरकार

मुख्यमंत्री योगी बोले, हम दंगाइयों को किसी भी कीमत पर छूट नहीं देंगे

Update: 2020-01-27 07:05 GMT

लखनऊ। नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने राजधानी में ऐशबाग स्थित घंटाघर पर प्रदर्शनकारी महिलाओं सहित अन्य के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की है।

उन्होंने सोमवार को ट्वीट किया कि सीएए-एनआरसी आदि के विरोध में संघर्ष करने वाली महिलाओं समेत जिन लोगों के भी खिलाफ उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा गलत मुकदमे दर्ज किए गए हैं उन्हें तुरन्त वापस लिया जाए। मायावती ने कहा कि इसके साथ ही इस दौरान जिनकी जान गई है तो सरकार उनकी भी उचित मदद करे, यह बसपा की मांग है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में इस समय धारा 144 लागू है, इसके बाद भी लोग इसका उल्लंघन करने में लगे हैं। इसका विरोध ऐसे लोग भी कर रहे हैं जिनको सीएए का ज्ञान भी नहीं है। यह लोग जहां मन कर रहा है, वहीं पर प्रदर्शन तथा धरना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी किसी भी योजना या विचार का विरोध अगर लोकतांत्रिक तरीके से हो रहा है तो हम उसको मानते हैं। अगर किसी को भी धरना या प्रदर्शन करना है तो अनुमति लें। इसके बाद आपको धरना प्रदर्शन करना है तो करें, लेकिन लोगों के आमजन के जीवन को बाधित नहीं कर सकते। लोग अगर उपद्रव करके रहना चाहते हैं तो हम वही करेंगे, जो सही होगा। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन हिंसक भी हो रहे हैं। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ लोगों की जान भी ली जा रही है। अब ऐसे में हमारी सरकार हाथ पर हाथ धर कर नहीं बैठ सकती है। हम दंगाइयों को किसी भी कीमत पर छूट नहीं देंगे।

राजधानी लखनऊ के घंटाघर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले करीब ग्यारह दिनों से महिलाओं का प्रदर्शन लगातार जारी है। प्रदर्शनकारियों ने मौके पर गणतंत्र दिवस का जश्न भी मनाया और तिरंगा फहराकर संविधान की रक्षा का प्रण लिया। धरने पर बैठी महिलाएं सरकार से इस कानून को वापस लेने की अपील कर रही हैं।

ठाकुरगंज पुलिस इस विरोध प्रदर्शन को लेकर मौलाना कल्बे सादिक के बेटे कल्बे सिब्तैन सहित दस नामजद व सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चुकी है। पुलिस के मुताबिक मौलाना के बेटे के साथ सैकड़ों लोग सीएए व एनआरसी के खिलाफ अवैध तरीके से चल रहे प्रदर्शन में शामिल हुए थे। इससे इलाके में यातायात बाधित हुआ। धारा 144 का उल्लंघन होने के साथ सरकारी काम में बाधा उत्पन्न की गई, जिससे बलवा होने की आशंका थी। प्रदर्शन के दौरान सपा की नेता व जामिया के छात्र समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया।

एडीसीपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक कुछ महिला संगठन व महिलाएं 17 जनवरी से बिना प्रशासन की अनुमति के अवैध रूप से सीएए व एनआरसी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रही हैं। 

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