कुलपति पर छात्र नेताओं ने किया हमला, लखनऊ विश्वविद्यालय बंद
लखनऊ विश्वविद्यालय में कुछ दिनों से प्रवेश की मांग पर अड़े छात्र नेताओं ने बुधवार को काउन्सिलिंग के दौरान अभद्रता की।
कुलपति पर छात्र नेताओं ने किया हमला, लखनऊ विश्वविद्यालय बंद
लखनऊ । लखनऊ विश्वविद्यालय में कुछ दिनों से प्रवेश की मांग पर अड़े छात्र नेताओं ने बुधवार को काउन्सिलिंग के दौरान अभद्रता की। इसे रोकने मौके पर पहुंचे कुलपति, चीफ प्राक्टर एवं प्रोफेसरों से छात्र नेताओं ने हमला कर दिया। विश्वविद्यालय में अराजकता रोकने के लिए कुलपति ने निर्देश जारी करते हुए अगली सूचना तक के लिए विश्वविद्यालय को बंद कर दिया है।
लखनऊ विश्वविद्यालय के नये सत्र के खुलते ही अराजता शुरू हो गयी है। बुधवार को काउन्सलिंग में शामिल होने आये छात्रों के बीच बाहर से आये कुछ लोगों ने कहासुनी की। इसकी सूचना मिलने पर छात्रों के पक्ष में डीन, चीफ प्राक्टर, डीएसडब्लू, सीबीसी सहित कई प्रोफेसर वहां आ गये। कुछ देर बाद छात्र नेताओं और उनके साथ आये बाहरी लोगों ने चीफ प्राक्टर से धक्कामुक्की करते मारपीट शुरू कर दी। इसी दौरान वहां कुलपति भी पहुंचे और अराजक छात्रों ने उन पर भी हमला कर दिया। घटना होने की सूचना तत्काल ही हसनगंज थाने पर भेजी गयी।
सूचना के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज पंकज कुमार समेत हसनगंज थाने से भारी पुलिस बल मौके पर पहुंची और बाहर से आये लोगों को पकड़ने का प्रयास किया और आधा दर्जन छात्र नेताओं का हिरासत में ले लिया। इसी बीच मौका देखकर बाहरी लोग भाग निकले। अराजकता के विरोध में चीफ प्राक्टर के पक्ष में छात्रों का एक गुट सामने आया और जमकर नारेबाजी करने लगा।
कुलपति डा. एसपी सिंह ने घटना के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचना दी। अराजक तत्वों की गिरफ्तारी के लिए तहरीर देने के निर्देश दिये और अगली सूचना तक के लिए विश्वविद्यालय को बंद करने का आदेश दे दिया। कुलपति ने मोबाइल फोन के माध्यम से घटना की जानकारी उपकृमुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा को भी दे दी है।
हसनगंज थानाध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने बताया कि शाम तक 19 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। कुलपति की ओर से तहरीर मिली है। सीसीटीवी फुटेज की मदद से मौके पर अराजकता करने वाले लोगों में से जो हमलावर हैं, उन्हें संगीन धाराओं में तथा शेष को धारा 151 में जेल भेजा जायेगा।
बता दें कि कुछ दिनों से प्रवेश मामलें को लेकर कुछ छात्र नेता पूजा शुक्ला, गौरव त्रिपाठी, बाबू सिंह इत्यादि धरने पर बैठे थे। सुबह से चल रही काउन्सिलिंग में वे छात्रों से अभद्रता करने लगे। इसका विश्वविद्यालय प्रशासन ने विरोध किया तो उन्होंने बाहर से आये लोगों के साथ मिलकर हाथापाई कर दी।