लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में डीएचएफएल घोटाला नहीं हुआ। ये घोटाला भाजपा की सरकार में हुआ है। इसकी पुष्टि करने के लिए यह देख लेना काफी होगा कि एफआईआर में डीएचएफएल को भुगतान कब हुआ।
अखिलेश यादव ने मंगलवार को एक पत्रकारवार्ता कर भाजपा की प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मुख्यमंत्री जी का विवेक है कि वो किसे ऊर्जा मंत्री बनाते हैं। जो भ्रष्टाचार करते हैं, जो घोटाले करते हैं। कौन बने ऊर्जा मंत्री ये जरुरी नहीं है, मुख्यमंत्री जी तो उनको हटा भी नहीं सकते। सपा अध्यक्ष ने कहा कि मुझे तो रोजाना ही अखबारों में समीक्षा दिखती है कि दो साल में कितना कार्य हो गया। आप ही बताते थे कि मेरे सरकार में पांच मुख्यमंत्री थे, सात मुख्यमंत्री थे। आज हर पार्टी सरकार से सवाल पूछ रही है, लेकिन आप मीडिया के लोग चुप हैं। बोलने वाले एक मंत्री हटे हैं और अब दूसरे भी हटने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने पद से आज ही इस्तीफा दें। हमारे रिश्ते बहुत लोगों से बहुत अच्छे हैं। सबसे ज्याद बिजली घर हमने लगाये। आजादी के बाद सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन किसने बढ़ाया, तो जवाब मिलेगा समाजवादी सरकार में। अब इस भाजपा की प्रदेश सरकार के दिन बचे ही नहीं है। उन्होंने कहा कि सर्राफा व्यापारी सुरक्षित नहीं है। रोजाना घटनाएं हो रही हैं। प्रदेश सरकार के मंत्री खुद ही अपराध में लिप्त दिख रहे हैं। फिर अपराध कौन रोके और अपराध कैसे रुके। अपराध रोकने के केवल दावे किये जा रहे हैं। ये दावे किसी हाल में प्रस्तुत नहीं किये जा सकते है। जब पूरा प्रदेश बदहाल बेबश होता जा रहा है।