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बसपा मुसलमानों को पार्टी में और अहमियत देगी : मायावती

Update: 2019-11-06 15:37 GMT

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि यूपी में विधानसभा आम चुनाव से पहले बसपा का मनोबल गिराने के लिए उप चुनाव हरवाया गया है। बसपा इससे घबराने वाली नहीं है। धारा 370 के नाम पर दुष्प्रचार कर बसपा से मुसलमानों को दूर नहीं किया जा सकता है। बसपा मुसलमानों को पार्टी में और अधिक अहमियत देगी। उन्होंने कहा कि बसपा को 17 से 20 प्रतिशत तक वोट मिल रहे हैं, कुछ प्रतिशत और वोट मिल जाए तो बाजी पलट सकती है।

बसपा सुप्रीमो ने माल एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय पर बुधवार को अहम बैठक में भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भाजपा व सपा ने भीतरी तौर पर मिलकर बसपा को उपचुनाव में एक भी सीट जीतने नहीं दिया। लोकसभा चुनाव में दलित-मुस्लिम गठजोड़ देखकर भाजपा व सपा ने यह चाल चली। उस चुनाव परिणाम से बसपा अपने मकसद से डिगने वाली नहीं है। बसपा ने उप चुनाव में जिम्मेदारी निभाने वालों की क्लास भी लगाई।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि प्रदेश में मुसलमानों को धारा 370 व अन्य और मामलों में भी चाहे कितना ही गुमराह करने का प्रयास क्यों ना कर लिया जाए। उससे घबराकर वह मुनकाद अली को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने वाली नहीं हैं। वह मुस्लिम समाज को पार्टी में अधिक अहमियत देंगी। दानिश अली इसीलिए फिर से लोकसभा में बसपा संसदीय दल का नेता बनाया गया है। बसपा के सभी 10 सांसद सर्वसमाज का प्रतिनिधित्व करते हैं।

मायावती ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के समर्थन पर सफाई दी। बसपा ने भाजपा के कहने पर नहीं बल्कि डा. भीमराव आंबेडकर की सोच पर चलकर इस पर अपना सही फैसला लिया। इसे लेकर विपक्षी मुसलमानों को गुमराह करने में लगे हैं। बसपा सुप्रीमो ने आरोप लगाते हुए कहा कि तत्कालीन कांग्रेस पार्टी की सरकार में वोट की राजनीति की खातिर 22-23 दिसंबर 1949 की रात को अयोध्या में बाबरी मस्जिद की गुम्बद के नीचे मूर्ति रखी गई थी। वर्ष 1986 में बाबरी मस्जिद का दशकों से बंद पड़े गेट का ताला कांग्रेस राज में खुला। कांग्रेस राज में 9 नवंबर 1989 को विश्व हिन्दू परिषद को वहां पर मंदिर के लिए शिलान्यास समारोह करने की इजाजत मिली। तत्कालीन कांग्रेस पार्टी की केंद्र सरकार ने ही राजनीतिक षड्यंत्र के तहत 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में स्थित बाबरी मस्जिद व राम-मंदिर विवादित स्थल को तोड़ने की भी छूट दे दी थी।

मायावती ने इसी माह शुरू होने वाले लोकसभा सत्र के लिए पार्टी सांसदों के साथ अलग से बैठक की। बसपा सदस्य संसद में सरकार को जनहित के मामले में घेरेंगे। झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के वरिष्ठ व जिम्मेदार लोगों की अलग से बैठक करके उन्हें जिम्मेदारी दी।

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