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आजम खां के समर्थन में मुलायम बोले - जरूरत पड़ी तो मोदी से मिलूंगा

Update: 2019-09-03 15:16 GMT

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया रहे मुलायम सिंह यादव ने सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के समर्थन में मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस की। इस प्रेस कांफ्रेंस में मुलायम सिंह ने कहा कि आजम खां लंबे समय से गरीबों के लिए लड़ाई लड़ते आए हैं। मुलायम ने कहा कि जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन का मामला उछालकर आजम को फंसाने की कोशिश की जा रही है। आजम ने जौहर यूनिवर्सिटी चंदे के पैसे से खरीदी है।

मुलायम सिंह ने आगे कहा कि आजम ने यूनिवर्सिटी निर्माण में सैकङों बीघा जमीन खरीदीं लेकिन यूपी सरकार ने मात्र दो बीघा जमीन के लिए उन पर 27 मुकदमे कर दिए गए। उन्होंने कहा, 'कुछ बीजेपी के नेता जिनका नाम नही ले सकते उनका भी कहना है आज़म खान पर गलत हो रहा है। इससे बीजेपी का नुकसान होगा।' उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता इस मामले पर संघर्ष करें।अगर सरकार नहीं चेती तो बहुत जल्द आजम खां पर हो रहे अत्याचार को लेकर आंदोलन किया जाएगा। उन्होनें कहा कि आजम पर गलत तरीके से केस दर्ज किए गए। उनके ऊपर जमीन हड़पने के बेबुनियाद आरोप लगाए गए। आजम ने गरीबों की लड़ाई लड़ी। हम इस कार्रवाई के खिलाफ पूरे प्रदेश में आंदोलन चलाया जायेगा। मुलायम सिंह ने पत्रकारों से कहा कि आजम खां पर हो रहे थे अत्याचारों की लड़ाई के खिलाफ पत्रकारों को लिखना चाहिए।

बताते चलें कि आजम खां पर जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े और कई अन्य मामलो में प्रशासन की ओर से 70 से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इस संबंध में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की भी सहमति है। मुलायम व आजम खां की दोस्ती तीन दशक से ज्यादा पुरानी है। बीच में आजम खां जरूर कुछ समय के लिए सपा से अलग हो गए थे लेकिन वह किसी दल में नहीं गए थे।

मुलायम सिंह यादव ने दो साल बाद प्रेस कांफ्रेंस की है। आजम पर प्रशासन के बढ़ते दबाव को देखते हुए यह कदम उठाना पड़ा है। वैसे मुलायम सियासी तौर पर अब कम सक्रिय हैं। बढ़ती उम्र व बीमारी के कारण वह लोकसभा चुनाव में भी ज्यादा जगह प्रचार पर नहीं जा सके। माना जा रहा है कि वह अपने भाई शिवपाल यादव को सपा में लाने व उन्हें महत्वपूर्ण भूमिका दिलाने के इच्छुक हैं। शिवपाल अपनी अलग पार्टी बना कर लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उनके इस कदम से ही सपा फिरोजाबाद जैसी अपने कब्जे वाली सीट हार गई थी। सपा बसपा गठबंधन से असहमति जता चुके मुलायम सिंह ने बरसों पुरानी अदावत भुलाते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ मंच शेयर कर और उनकी तारीफ की थी। 

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