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आतंकी तीरथ सिंह को एटीएस ने पकड़ा

Update: 2020-05-31 07:56 GMT

मेरठ/लखनऊ। मेरठ से पकड़ा गया आतंकी तीरथ सिंह फेसबुक मैसेंजर पर यूके में बैठे गुरुशरणवीर सिंह के संपर्क में आया था। उसने खालिस्तान का समर्थन करने और ट्वेंटी-ट्वेंटी रेफरेंडम का प्रचार-प्रसार करने के लिए कहा था। गुरुशरणवीर ने यह भी कहा था कि 2020 में खालिस्तान के पक्ष में वोटिंग होगी, जिसमें हमारे अलग देश का निर्माण होगा।

यह बात तीरथ सिंह से एटीएस की पूछताछ में सामने आई। एटीएस सूत्रों ने बताया, गुरुशरणवीर सिंह उर्फ गुरुशरण सिंह उर्फ पहलवान की एनआईए सहित भारत की सभी एजेंसियों को तलाश है। सूचना है कि वह ब्रिटेन में छिपा हुआ है, जहां से वह 2020 रेफरेंडम चलाकर सिखों को ब्रेनवाश कर रहा है। साल 2018 में पंजाब में आठ हिन्दू-सिख नेताओ की हत्या हुई थी। इसमें गोला-बारूद की सप्लाई वेस्ट यूपी से हुई थी। एनआईए ने मेरठ-गाजियाबाद के तीन हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया था। उन सभी आठ हत्या में भी एनआईए नव गुरुशरणवीर को आरोपी बनाते हुए चार्जशीट दाखिल की है। सुरक्षा एजेंसियां शुरू से मानती रही हैं कि 2020 रेफरेंडम को फंडिंग करने में पाकिस्तान की आईएसआई का हाथ है, जो भारत मे इसके सहारे अस्थिरता फैलाना चाहती है। वेस्ट यूपी में पहले भी कई बार खालिस्तान मूवमेंट से जुड़े आतंकी पकड़े जा चुके हैं।

कुछ अलगाववादी सिख संगठन भारत से पंजाब को अलग करने की मांग कर रहे हैं। ये संगठन दुनियाभर में भारत के ख़िलाफ सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार कर रहे हैं कि साल 2020 में एक जनमत संग्रह (रेफरेंडम) होने वाला है, जिससे तय होगा कि सिखों को एक अलग देश मिलना चाहिए या नहीं। इसी भारत विरोधी एजेंडे का नाम सिख अलगाववादी संगठनों ने '20-20 सिख रेफरेंडम' रखा है। गूगल प्ले स्टोर में '2020 सिख रेफरेंडम' ऐप फ्री थी। इस ऐप के जरिए लोगों को भारत के खिलाफ चल रहे कैंपेन में जोड़ा जा रहा था। पिछले साल पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गूगल को पत्र लिखकर इस एप्लिकेशन को बंद कराया था।

एटीएस ने बताया, तीरथ सिंह मूल रूप से मेरठ में हस्तिनापुर के किशनपुरा का रहने वाला है। आठवीं तक की पढ़ाई उसने नानकचंद स्कूल पीएल शर्मा रोड से की। उसके बाद पढ़ाई छोड़ दी। पिछले 4 साल से वह सोतीगंज में ऑटोमोबाइल की दुकान पर काम करता था। उसके पिता अजित सिंह एक स्कूल में रिक्शा चलाते हैं। जबकि उसका भाई गुरुद्वारे में सेवा करता है। तीरथ सिंह के बारे में पता चला है कि वह हथियार तस्करी से जुड़ा हुआ था। रेफरेंडम प्रचार के लिए बाकायदा उसे समय-समय पर फंडिंग होती थी।

दिसंबर 2018 में एनआईए ने मेरठ से पहाड़ सिंह, परवेज उर्फ फरु और गाजियाबाद के नाहली से मलूक सिंह को गिरफ्तार किया था। पंजाब में आठ हिन्दू-सिख नेताओ की हत्या में इन तीनों ने हथियार सप्लाई किये थे। तीनों सप्लायर खालिस्तानी आतंकियों से जुड़े थे। 2 अक्टूबर 2018 को शामली जिले में पुलिसकर्मियों के हथियार लूटे गए। इसमें खालिस्तान मूवमेंट से जुड़े 5 आतंकी गिरफ्तार हुए। खुलासा हुआ कि उन्हें पंजाब के पूर्व सीएम की रैली में हमला करना था। इसी साल एटीएस ने खालिस्तानियों से जुड़े हथियार सप्लायर राज सिंह और आसिफ को शामली से गिरफ्तार किया। वह हैंडग्रेनेड और पिस्टल सप्लाई करते थे। ये दोनों इंग्लैंड में छिपे आतंकी परमजीत उर्फ पम्मा से जुड़े हुए थे। इसके बाद मेरठ के एक और हथियार सप्लायर को एटीएस ने पकड़ा था। 

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