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1300 किमी का ऑफर तय कर प्रयागराज की नैनी जेल पहुंचा अतीक, कल सजा मिलना तय

अतीक का भाई अशरफ बरेली जेल में बंद है और उसे भी तलब किया गया है।

Update: 2023-03-27 06:50 GMT

लखनऊ। माफिया डॉन अतीक अहमद को उत्तरप्रदेश पुलिस गुजरात के अहमदाबाद से प्रयागराज लेकर पहुंच चुकी है। उसे पुलिस का काफिला आज शाम 5 बजे नैनी जेल लेकर पहुंचा। उमेश पाल के 2006 में हुए अपहरण मामले में प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में कल उसकी पेशी होगी। इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है। सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है।  अब कल 28 मार्च को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को सजा मिलना लगभग तय माना जा रहा है।

इसी दौरान सोमवार सुबह अतीक अहमद का काफिला मप्र के शिवपुरी जिले से गुजरा और उत्तरप्रदेश के झांसी जिले में पहुंच गया। इस दौरान शिवपुरी में अतीक अहमद की गाड़ी के सामने एक गाय आ गई। थोड़ी देर के लिए असंतुलित हुई गाड़ी पलटते-पलटते बच गई।गैंगस्टर अतीक अहमद को लेकर जा रहा उत्तरप्रदेश पुलिस का काफिला सोमवार सुबह मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश करते हुए शिवपुरी के रामनगर टोल प्लाजा से गुजरा। यहां छोटे हादसे के बाद सुबह करीब 6.30 बजे अतीक अहमद को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बैन से नीचे उतारा गया। इस दौरान वहां मौजूद मीडियाकर्मियों के पूछने पर उसने मूंछों पर ताव दिया और कहा कि काहे का डर, मुझे कोई डर नहीं लग रहा है। इसके बाद हाथ हिलाते हुए वह बैन की तरफ बढ़ गया।

1300 किमी का सफर - 

पुलिस का काफिला रविवार शाम 6 बजे साबरमती जेल से निकला था। सोमवार सुबह 8 बजे तक करीब 850 किमी का सफर तय कर लिया है। काफिला राजस्थान के कोटा जिले से शिवपुरी के करैरा और दिनारा कस्बे से सटे हुए फोरलेन से होते हुए यूपी के झांसी में प्रवेश कर गया। यह काफिला गुजरात से उत्तरप्रदेश के प्रयागराज तक लगभग 1300 किलोमीटर की दूरी तय की।  

भाई अशरफ भी आरोपित - 

उमेश पाल अपहरण कांड में मंगलवार को फैसला सुनाया जाना है। इस मामले में अतीक अहमद का भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ भी आरोपित है। अशरफ बरेली जेल में बंद है और उसे भी तलब किया गया है। अधिवक्ताओं के अनुसार हाईकोर्ट ने एक विशेष आदेश में अशरफ की सुरक्षा की कार्यवाही के लिए निर्देश जारी किए हैं। 

उमेश पाल की मौत - 

उल्लेखनीय है कि, माफिया अतीक अहमद और उमेश पाल के बीच दुश्मनी 18 साल पुरानी है। इसकी शुरुआत 25 जनवरी, 2005 में बसपा विधायक राजू पाल के मर्डर के साथ हुई। उमेश पाल उस केस का चश्मदीद गवाह था। अतीक ने उमेश पाल को कई बार फोन कर बयान न देने और केस से हटने को कहा। ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी दी। उमेश पाल नहीं माना, तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण करा लिया। उमेश पाल ने करीब डेढ़ साल बाद 5 जुलाई 2007 में अतीक और उसके भाई अशरफ समेत 10 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। यहीं से उमेश पाल अतीक के आंख की किरकिरी बन गया।  गत 24 फरवरी को उमेश पाल की शूटरों ने गोली और बम मारकर हत्या कर दी। इसमें उमेश की सुरक्षा में लगे दो सरकारी गनर संदीप निषाद और राघवेंद्र की भी मौत हो गई थी।

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