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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने किसी समझौते से किया इनकार

Update: 2019-10-12 14:48 GMT

लखनऊ। अयोध्या मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने किसी भी तरह के समझौते से साफ इनकार किया है। बोर्ड को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे अयोध्या विवाद का फैसला मुसलमानों के पक्ष में आएगा।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी बैठक शनिवार को राजधानी लखनऊ स्थित नदवा कॉलेज में हुई। इस बैठक में अयोध्या मसले के अलावा समान नागरिक संहिता और तीन तलाक संबंधी कानून पर भी विस्तृत चर्चा हुई।

बैठक में बोर्ड के सदस्यों ने अयोध्या मामले पर किसी भी तरह के समझौते से साफ इनकार कर दिया। दरअसल हाल ही में मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने अयोध्या मामले में लखनऊ में ही एक बैठक करके कहा था कि यदि मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट से मुकदमा जीत जाता है तो भी सामाजिक समरसता के लिए विवादित जमीन हिंदुओं को दे देनी चाहिए। इसके बावजूद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आज की बैठक में मुस्लिम बुद्धिजीवियों के इस सुझाव को खारिज कर दिया।

बोर्ड कार्यकारिणी की बैठक मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में हुई। इसमें महासचिव मौलाना वली रहमानी, उपाध्यक्ष फखरुद्दीन अशरफ किछौछवी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, मौलाना महमूद मदनी, जफरयाब जीलानी, मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी और मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली समेत कई सदस्य मौजूद रहे। मीडिया को इस बैठक से दूर रखा गया था।

उधर, उप्र सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इस बैठक पर सवाल उठाया है। मंत्री का कहना है कि जब देश की सबसे बड़ी अदालत अयोध्या मामले में फैसला देने जा रही है तो ऐसे समय में यह बैठक क्यों रखी गई है ? उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को एक असंवैधानिक एनजीओ बताया। मंत्री ने आरोप लगाया है कि बोर्ड ऐसा एनजीओ है, जो हमेशा से देश के खिलाफ काम करता रहा है।

गौरतलब है कि अयोध्या मामले में इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। अदालत का कहना है कि 17 अक्टूबर को सुनवाई पूरी कर ली जाएगी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई 17 नवम्बर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के रिटायर होने से पहले अयोध्या मामले में फैसला आने की उम्मीद की जा रही है।  

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