1 जनवरी से बाबा महाकाल को नहीं चढ़ेंगी फूलों की बड़ी और भारी माला, जानें क्यों लिया फैसला

उज्जैन के महाकाल मंदिर में भगवान क भारी फूल-मालाएं पहनाने की परंपरा बंद होगी। भक्तों से अजगर जैसी मालाएं न खरीदने का अनुरोध किया जा रहा है। जानिए क्या वजह है।

Update: 2025-12-12 12:13 GMT

उज्जैनः 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर से बड़ी जानकारी सामने आई है। बाबा महाकाल में 1 जनवरी से नई व्यवस्था लागू हो रही है। अब भगवान महाकाल को भारी फूल-मालाएं पहनाने की परंपराएं बद होने जा रही है। भक्तों के मन में सवाल उठ रहा होगा कि ऐसा क्यों किया जा रहा है।

दरअसल, मंदिर समिति ने सुरक्षा और व्यवस्था संबंधी कारणों से ऐसे मालाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। भक्तों को भारी मालाएं नहीं लाने के लिए नए नियम की जानकारी अनाउसिंग रूम से दी जा रही है।

1 जनवरी से लागू होगा प्रतिबंध

भगवान को अजगर जैसी माला चढ़ाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। वहीं, मंदिर में आने वाले भक्तों को इसकी जानकारी दी जा रही है। माला चढ़ाने पर प्रतिबंध 1 जनवरी 2026 से पूरी तरह लागू हो जाएगा।

एएसआई और जीएसआई ने एक्सपर्ट ने दिए थे निर्देश

महाकाल ज्योतिर्लिंग का क्षरण रोकने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) तथा भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के विशेषज्ञों की टीम गठित की थी। इन एक्सपर्ट ने जांच कर ज्योतिर्लिंग को सुरक्षित रखने के कई सुझाव दिए थे। इनमें से एक सुझाव भगवान को चढ़ाई जाने वाली मालाओं को लेकर था।

हालांकि उनके सुझाव की अनदेखी करते हुए भगवान को फूल की छोटी-बड़ी मालाएं चढ़ाई जाती रही। इसके साथ ही मंदिर के आसपास की दुकानों में 10 से 15 किलो वजनी मालाएं मिलने लगी थी।

प्रवेश द्वार पर होगी जांच

दर्शन व्यवस्था के नए नियम लागू होने के बाद मंदिर के अलग-अलग गेट पर तैनात गार्ड भक्तों द्वारा भगवान को अर्पण करने लाई जा रही पूजन सामग्री की जांच करेंगे। बड़ी और भारी मात्रा वाले हार को बाहर ही रख दिया जाएगा। 1 जनवरी से यह व्यवस्था सख्ती से लागू होगी।

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