तिरुचिरापल्ली: "मैं काशी का सांसद हूं, जब 'ॐ नमः शिवाय' सुनता हूं तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं"- PM मोदी

Update: 2025-07-27 09:53 GMT

तिरुचिरापल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में पूजा-अर्चना की। वे गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में आदि तिरुवथिरई महोत्सव के साथ महान चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती समारोह में भाग लेने यहां आए हुए थे। उन्होंने कहा, 'मैं काशी का सांसद हूं, जब 'ॐ नमः शिवाय' सुनता हूं तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हमारे शास्त्र कहते हैं जो शिव के साधक भी शिव में समाहित होकर अविनाशी हो जाते हैं, इसलिए शिव की अनन्य भक्ति से जुड़ी भारत की चोला विरासत भी अमर हो चुकी है।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "चोल राजाओं ने श्रीलंका, मालदीव और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे क्षेत्रों के साथ अपने राजनयिक और व्यापारिक संबंधों को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया। यह महज संयोग है कि मैं कल मालदीव से लौटा हूँ, और आज मुझे इस कार्यक्रम में भाग लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।"

"इतिहासकारों का मानना है कि चोल साम्राज्य भारत के स्वर्णिम युगों में से एक था। चोल साम्राज्य ने भारत को लोकतंत्र की जननी के रूप में स्थापित करने की परंपरा को भी आगे बढ़ाया। इतिहासकार लोकतंत्र के नाम पर ब्रिटेन के मैग्ना कार्टा की बात करते हैं। लेकिन कई सदियों पहले, चोल साम्राज्य में लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव होते थे। हम ऐसे कई राजाओं के बारे में सुनते हैं जो अन्य स्थानों पर विजय प्राप्त करने के बाद सोना, चाँदी या पशुधन लाते थे। लेकिन राजेंद्र चोल गंगाजल लेकर आए थे।"

"मुझे खुशी है कि आज यहाँ गंगाजल लाया गया है। एक बार फिर काशी से। मैं काशी का जनप्रतिनिधि हूँ और माँ गंगा से मेरा जुड़ाव है। चोल राजाओं के ये कार्य, उनसे जुड़ी ये घटनाएँ, 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के महायज्ञ को नई ऊर्जा, नई शक्ति, नई गति देती हैं।"

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