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2017 में राम जेठमलानी ने दिया था ये बयान, क्या कहा जानें

Update: 2019-09-08 06:14 GMT

नई दिल्ली। मशहूर वकील राम जेठमलानी का रविवार को निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। उनके पुत्र महेश जेठमलानी ने बताया कि जेठमलानी ने नई दिल्ली में अपने आधिकारिक आवास में सुबह पौने आठ बजे अंतिम सांस ली। महेश और उनके अन्य निकट संबंधियों ने बताया कि उनकी तबियत कुछ महीनों से ठीक नहीं थी। राम जेठमलानी ने 2017 में वकालत से संन्यास का ऐलान किया था। संन्यास का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा था कि भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ उनकी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।

अपने संन्यास का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा था, 'मैंने वकालत पेशे में अपने जीवन के 76 साल और अध्यापन के क्षेत्र में 77 साल बिताए हैं और अब वक्त आ गया है कि मैं सक्रिय वकालत से संन्यास ले लूं। अब आप मुझे अदालतों में किसी मामले की पैरवी करते नहीं पाएंगे। कुछ और अच्छे काम अधूरे हैं, जिनकी ओर अब मैं अपना ध्यान लगाऊंगा।'

जेठमलानी ने कहा था कि पांच दिन बाद वह 95 वर्ष के हो जाएंगे और अब कुछ समय अन्य कामों में लगाना है। उन्होंने पूर्ववर्ती और मौजूदा सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि इन सरकारों ने देश को गर्त में पहुंचाया है और इस ओर सोचने का वक्त है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह नया क्या करने जा रहे हैं।

उन्होंने न्यायपालिका के प्रति सम्मान जताते हुए कहा था कि उन्होंने कानून और राजनीति- दोनों क्षेत्रों में अपने जीवन के महत्वपूर्ण पल बिताए हैं और दोनों को ही बहुत करीब से देखा है। वह बड़ी शिद्दत से कहना चाहते हैं कि उनके दिल में राजनेताओं की तुलना में न्यायाधीशों के लिए अधिक सम्मान है।

पूर्व कानून मंत्री ने माहौल को खुशनुमा बनाते हुए कहा था, 'जजों के प्रति सम्मान और आदर की बात करके मैं कोई मक्खनबाजी नहीं कर रहा हूं, क्योंकि संन्यास लेने के बाद अब मुझे मक्खनबाजी की जरूरत नहीं रह गई है।' इसके बाद सभागार ठहाकों से गूंज उठा।

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