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सोशल मीडिया पर अफवाह रोकने का नया तंत्र-मंत्र

Update: 2019-10-20 15:52 GMT

सोशल मीडिया जहाँ आज फायदेमंद है वहीं नुकसानदायक साबित हो रही है आज का यूथ सुबह जगने से लेकर रात सोने तक आधे से ज्यादा समय वह सोशल नेटवर्किंग साइट पर ही निकाल देता है अगर आज किसी युवा के हाथ से स्मार्टफोन ले लिया तो मानो उसकी जिन्दगी माँग ली हो, क्योंकि उसका पूरा ध्यान उन सोशल नेटवर्किंग साइट के मैसेज, कमेंट व लाइक पर ही रहता है किसने क्या कहा है साथ ही मेरे पोस्ट्स को किसने लाइक किया किसने नहीं। यह ही नहीं कुछ हुआ उसका तुरंत स्टेटस बनकर सोशल साइट्स पर अपलोड हो जाता है

बता दें कि जब से सोशल साइट्स पर कालिंग सुविधा उपलब्ध हुई है तब से तो वीडियो कॉल करने का चलन सा बढ़ गया है अब हर कोई आमने सामने बात करना चाहता है कोई भी वॉइस कॉल करना नहीं चाहता है यही नहीं अब तो डायरेक्ट मैसेज करने का काम खत्म ही हो गया है क्योंकि सब आज सोशल साइट्स से जुड़ गए है क्योंकि सोशल नेटवर्किंग साइट्स किसी उपयोगकर्ता पर किसी तरह का कोई चार्ज नहीं ले रही है बस इस को चलाने के लिए इंटरनेट से जुड़ कर आप फ्री में उपयोग कर सकते है

हम आपको बता दें कि अब किसी भी देश की सरकार अगर इस पर किसी भी तरह का चार्ज लगाती है तो कई उपयोगकर्ता को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन ऐसा न होते हुए सरकार ही खुद मुश्किल में पड़ गई, हाल ही में लेबनान में सरकार ने व्हाट्सएप कॉल पर कर लगा दिया। सरकार के इस फैसले से लोग भड़क गए। शुक्रवार को पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन हुए। राजधानी बेरुत में सरकारी दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने गाड़ियों में आग लगा दी। इसके बाद सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा।

सरकार ने गुरुवार को घोषणा की थी कि व्हाट्सएप, फेसबुक और एपल फेस टाइम जैसे एप के जरिए किए जाने वाले कॉल पर रोजाना टैक्स लगेगा। इसके जरिए कॉल करने वालों को रोजाना करीब 14.50 रुपए के बराबर कर देना पड़ता, लेकिन सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों के कुछ घंटे बाद ही सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर फूंके। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

लेबनान के संचार मंत्री मोहम्मद चौकेर ने कहा देश में चल रहे आर्थिक संकट से निपटने के तरीके के तौर पर इस पर विचार किय गया था। कि सरकार को बजट की रकम जुटाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। यह बोझ कम करने के लिए उसने व्हाट्सएप -फेसबुक की वॉइस कॉल पर टैक्स लगाने का एलान किया था।

युगांडा में फेसबुक, व्हाट्सएप, टि्वटर के इस्तेमाल पर रोजाना करीब 3 रुपए टैक्स देना पड़ता है। राष्ट्रपति ने कहा था कि सोशल मीडिया अफवाह फैलाता है। इसलिए इस पर टैक्स लगाना जरूरी है।    

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