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महाराष्ट्र में अलग हुई शिवसेना साथ आने के दे रही है संकेत

तैयारी के बाद ही विधेयक को लाने की तैयारी, भाजपा को है उम्मीद हो जायेगा पास

Update: 2019-12-06 09:49 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस नागरिकता संशोधन विधेयक को एनआरसी भाग-दो बताकर अपनी तैयारी कर रही थी। लेकिन उसकी रणनीति डगमगा रही है। इसके इतर भाजपा को पूरी उम्मीद है कि नागरिकता संशोधन विधेयक ;एनआरसीद्ध को पास करा लेगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट में अलग हो गई शिवसेना इस मामले में साथ आने का संकेत दे रही है। नीतीश कुमार के जदयू, बीजू जनता दल, आंध्र में जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस से सकारात्मक संकेत मिले हैं। तमिलनाडु की एआईएडीएमके भी साथ आ रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कल से चुप्पी साधे टीएमसी क्या रूख अपनाती है?

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि समुचित तैयारी के बाद ही विधेयक को लाने की तैयारी की गई है। विधेयक पर बनी जेपीसी में जो आपत्तियां आई थी उन पर विचार किए जाने के बाद दूर कर ली गई हैं। पूर्वाेंत्तर के आदिवासी क्षेत्रों को नए विधेयक में छूट देने के प्रावधान से अब इसे पास कराने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। शिवसेना इस मामले में पहले ही साथ थी कि उसकी मूल विचारधारा का हिस्सा है। लेकिन क्या कांग्रेस और राकांपा संग महाराष्ट में सरकार बनाने के बाद वह केंद्र सरकार के साथ खड़ी नजर आएगी? इस पर भाजपा रणनीतिकारों को लगता है कि संभव है कि वह विस्तार करे।

भाजपा सू़त्रों के मुताबिक उत्तर-पूर्व में अपने सहयोगियों से बातचीत के आधार पर जदयू द्वारा साथ देने की काफी संभावना है। वहीं आप पार्टी, टीआरएस, जैसे दल हो सकता है कि मतदान का बहिष्कार करें। इस हालत में राज्यसभा में विधेयक के समर्थन में 238 में से 125 से ज्यादा सदस्यों के साथ आने का आंकड़ा तैयार है। यह बढ़ भी सकता है। इसे देखते हुए कांग्रेस, वामपंथी दल, डीएमके, टीएमसी, जैसे दल ही बचते हैं। वैसे टीएमसी का कल से कोई बयान नहीं है। 2021 में बंगाल मंे भी विधानसभा चुनाव हैं। इस को लेकर उसके रूख पर संशय फिलहाल बरकार है। कल कांगेसी नेताओं ने इस पर आलोचना की थी। असम में एनआरसी के तहत जिस तरह 19 लाख से अधिक लोग छूट गए हैं, उससे भाजपा परेशान है। लेकिन भाजपा को लगता है कि सदन में विधेयक पेश होने के बाद हो सकता है कि कुछ और दल अपने पहले वाला रूख बदल लें। 

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