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10वीं पास सूर्य प्रकाश का कमाल, स्क्रैप से बनाया मोटरसाइकिल के लिए ऑटोमेटिक स्टैण्ड

स्टैण्ड अब पैर की जगह हाथ के इशारे से लग जाएगा

Update: 2019-11-22 08:55 GMT

ग्वालियर/वेब डेस्क। पढ़ाई बेशक 10वीं कक्षा तक ही की, मगर इरादे ऐसे कि उनके आगे बड़े-बड़े इंजीनियर भी मात खा जाएं। आंतरी निवासी सूर्यप्रकाश एक ऐसे ही व्यक्तित्व हैं, जिनके प्रयोगों ने बड़े-बड़े इंजीनियरों को भी हैरत में डाल दिया है। सूर्य प्रकाश ने न तो कोई इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और न ही कहीं से कोई ट्रेनिंग ली है।

महज दसवीं पास युवक ने तकनीकी यंत्र को बनाकर अपनी अलग पहचान कायम की है। बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के उन्होंने एक ऐसा यंत्र तैयार किया है। आमतौर पर दोपहिया वाहनों को लोग अपने पैर का सहारा देकर अपने वाहन को स्टैण्ड पर खड़ा करते हैं, लेकिन बैल्डिंग की दुकान चलाने वाले सूर्य प्रकाश ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया कि लोग अचंभित हो गए। सूर्य प्रकाश ने सात माह की मेहनत के बाद दोपहिया वाहनों के लिए एक ऐसा स्टैण्ड तैयार किया है, जिसको वाहन की सीट पर बैठे ही हाथ से संचालित कर बाइक को स्टैण्ड पर खड़ा किया जा सकता है और वाहन को चलाते ही स्टैण्ड अपने आप बंद भी हो जाता है। सूर्य प्रकाश द्वारा दोपहिया वाहनों के लिए बनाए गए इस स्टैण्ड को वाहन के हैंडिल पर लगाकर उसे क्ल्चि या हैंड ब्रेक की तरह संचालित किया जाता है।

मकोड़ा में बेल्डिंग की दुकान स्कैप से बनाया स्टैण्ड

स्वदेश से चर्चा के दौरान सूर्य प्रकाश विश्वकर्मा ने बताया कि टेकनपुर के पास मकोड़ा में उनकी बेल्डिंग की दुकान है। उन्होंने बताया कि बेल्डिंग कराने आने वाले लोग कुछ ऐसे सामान छोडक़र चले जाते थे, जिनका उन्होंने ऑटोमेटिक स्टैण्ड बनाने में उपयोग किया। उन्होंने बताया कि शाम के समय कारीगरों के जाने बाद वह ऑटोमेटिक स्टैण्ड बनाते थे। फिलहाल उन्होंने यह प्रयोग अपनी खुद की बाइक में किया है।

खुद गिरे तो ठानी कि ऐसा स्टैण्ड बनाना है

चर्चा के दौरान सूर्य प्रकाश ने बताया कि बाइक स्टैण्ड की वजह से वह खुद कई बार गिरे थे। इसके बाद उन्होंने ठान लिया था कि ऑटोमेटिक स्टैण्ड बनाना है। उन्होंने बताया कि इस स्टैण्ड को बनाने में लगभग दो से तीन हजार रुपए का खर्चा आया है।  

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