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मोबाइल में फोटो लेकर ढेर में अपनों की लाशें तलाश रहे लोग

हादसे के बाद लापता लोगों की संख्या बढक़र हुई 15

Update: 2018-10-20 04:43 GMT

अमृतसर/स्वदेश वेब डेस्क। अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में रहने वाले 22 वर्षीय अजय शनिवार की सुबह मोबाइल में अपने पिता की लाश की तस्वीर लेकर गुरू नानक अस्पताल के पोस्टमार्टम में उनकी तलाश कर रहे थे लेकिन उनके हाथ कोई सुराग नहीं लगा। अजय को यह तस्वीर सोशल मीडिया के माध्यम से मिली।

अमृतसर शहर के सरकारी व निजी अस्पतालों में शनिवार की सुबह समूचा परिदृश्य बदला हुआ था। जहां-तहां लोग अपनों का सुराग ढूंढने में लगे हुए थे। ज्यादातर लोग मोबाइल में अपनों की फोटो प्रत्यक्षदर्शियों को दिखाकर टुकड़ों में कटी लाशों के ढेर में शिनाख्त करने में जुटे हुए थे।

इस हादसे के बाद लापता हुए लोगों की संख्या बढ़कर 15 तक पहुंच चुकी है। लापता लोगों के परिजन आज सुबह होते ही शहर के अस्पतालों में पहुंच गए और एक वार्ड से दूसरे वार्ड उनकी तलाश शुरू की। इन लोगों ने हादसे में अपनों को खोया है लेकिन अभी तक उन्हें यह भी नहीं पता चल सका है कि वह जिंदा हैं या फिर मर चुके हैं।

दूसरी तरफ ट्रेन हादसेे का शिकार घायलों की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। कोई भी यह बताने की स्थिति में नहीं था कि आखिर हादसा हुआ कैसे। गुरू नानक अस्पताल में उपचाराधीन कमलेश यादव ने बताया कि वह अपने छह परिजनों के साथ मेला देखने के लिए आए थे जिनमें से पांच ट्रेन की चपेट में आने से घायल हो गए। शहर की एक फैक्टरी में काम करने वाला रामकुमार अपने चार दोस्तों के साथ रावण दहन का कार्यक्रम देखने के लिए आया था और चारों दोस्त इस हादसे का शिकार हो गए। जिनमें से दो इस समय आईसीयू में भर्ती हैं।

रामकुमार ने बताया कि यह पूरा घटनाक्रम महज पांच सेकेण्ड में हो गया। जिसके बारे में किसी को न तो कोई अंदेशा था और जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक यह घटना हो गई। गुरूनानक देव अस्पताल में उपचाराधीन मरीजों ने बातचीत करने पर बताया कि हादसे को अंजाम देने वाली रेलगाड़ी के चालक ने न तो हॉर्न दिया और न ही स्पीड कम की। लोगों का पूरा ध्यान जलते हुए रावण और वहां लगी बड़ी स्क्रीन की तरफ था। जिसके चलते यह हादसा हो गया।

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