SwadeshSwadesh

जनजातीय बोली-भाषा को बचाने और संरक्षित करने की कोशिश होगी : अर्जुन मुंडा

विश्व आदिवासी दिवस पर राज्यभर में कई कार्यक्रम आयोजित

Update: 2019-08-09 12:28 GMT

रांची। जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि सरकार जनजातीय बोली और भाषा को बचाने तथा संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस का इस वर्ष का थीम है- विलुप्त हो रही बोली और भाषा को बचाना। उन्होंने कहा कि आज प्रत्येक दो सप्ताह में जनजातीय बोली-भाषा पर हमला हो रहा है, लोग जनजातीय भाषा और बोली को भूलते जा रहे है। जनजातीय बोली और भाषा को बचाने की जरूरत है और जनजातीय संस्कृति एवं परंपरा बनी रहे, इसके लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है।

अर्जुन मुंडा शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस पर अपने संसदीय क्षेत्र खूंटी के राजेंद्र चौक से कचहरी चौक तक आयोजित पदयात्रा के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यूएन रेजुलेशन में भी प्रस्ताव पारित कर जनजातीय सभ्यता-संस्कृति और भविष्य को बेहतर बनाने पर बल दिया गया है।

मौके पर अर्जुन मुंडा की धर्मपत्नी मीरा मुंडा ने विश्व आदिवासी दिवस पर दुनियाभर के जनजातीय समाज को बधाई दी और कहा कि गर्व है कि-हम आदिवासी हैं।

इधर, राजधानी रांची में भी विश्व आदिवासी दिवस पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के नेतृत्व में जनजातीय समाज के लोग ने बनहौरा से पदयात्रा निकाल कर शहर के प्रमुख मार्गों का भ्रमण किया। इस मौके पर बंधु तिर्की ने पेसा कानून, समता जजमेंट को प्रभावी तरीके से लागू करने और संविधान में जनजातीय समाज को दिये गये अधिकार का अनुपालन कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि आज आदिवासी समाज पर संकट गहरा गया है, आदिवासियों की जमीन को लूटने की कोशिश हो रही है, रोजगार समाप्त किया जा रहा है, परंपरा-संस्कृति को मिटाने की कोशिश की जा रही है, इसके खिलाफ लोगों को एकजुट होने की जरूरत है।

विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी समुदाय के लोग, जनजातीय समाज की वर्तमान स्थिति और उनकी जरूरतों पर मंथन किया गया। इसके साथ ही समाज की ओर से जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए लोगों के बीच जागरूकता संदेश भी दिया गया।

गौरतलब है कि झारखंड में कुल जनजातीय आबादी लगभग 85 लाख है, इनमें करीब 10 लाख जनजातीय लोग रांची में रहते हैं।

Similar News