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आंध्र में नायडू नहीं बचा सके अपनी सरकार, जगनमोहन रेड्डी बनेंगे किंग

Update: 2019-05-23 09:04 GMT

नई दिल्ली। साल 2003 में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले तत्कालीन कांग्रेस नेता वाईएस राजेशखर रेड्डी (वाईएसआर के नाम से मशहूर) तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) अध्यक्ष नायडू को सत्ता से बाहर फेंकने के लिए संयुक्त आंध्र प्रदेश में राज्यव्यापी मार्च किया था।

अगर शुरुआती रुझान आंध्र प्रदेश में सच होता है तो वहीं तरकीब इस बार राजशेखर रेड्डी के बेटे जगनमोहन रेड्डी ने उसी चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ अपनाई है। शुरुआती रुझानों में 175 विधानसभा सीटों में कांग्रेस से अलग होकर बनी वाईएसआर कांग्रेस 89 सीटों पर आगे चल रही थी, जबकि टीडीपी 34 और पवन कल्याण की जनसेना पार्टी एक सीट पर आगे चल रही थी। बाकी सीटों के रुझान अभी आने बाकी है।

बाकी सीटों के रुझान अभी आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में भी वहीं की 25 लोकसभा सीटों में से वाईएसआर कांग्रेस 16 जबकि टीडीपी 9 सीट पर आगे चल रही है। ऐसे में जगनमोहन रेड्डी का वह मुख्यमंत्री बनने का सपना पूरा होता हुआ दिख रहा जिसके चलते वह कांग्रेस से अलग हुए थे। जगन ने पिछले 14 महीने के अंदर 3,640 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा आंध्र प्रदेश के अंदर की और लोगों के सामने टीडीपी के खिलाफ अपनी बातें रखी।

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