तिरुवनंतपुरम में पहली बार BJP का मेयर,कौन हैं वीवी राजेश जो रिटायर्ड DGP आर श्रीलेखा पर भारी पड़े

Update: 2025-12-26 08:36 GMT

तिरुवनंतपुरम। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के नगर निगम में 45 वर्षों से चला आ रहा वामपंथी शासन समाप्त हो गया। निगम में पहली बार भारतीय जनता पार्टी का मेयर चुना गया है. भाजपा के वी.वी. राजेश को नगर निगम का नया मेयर बनाया  है . यह जीत सिर्फ एक पद की नहीं, बल्कि केरल की शहरी राजनीति में बदलते समीकरणों का संकेत मानी जा रही है।

बीजेपी के लिए क्यों खास है यह जीत?

तिरुवनंतपुरम नगर निगम अब तक वामपंथी दलों का मजबूत गढ़ माना जाता था  ऐसे में भाजपा का यहां सत्ता में आना पार्टी के लिए प्रतीकात्मक और रणनीतिक दोनों दृष्टि से बड़ी उपलब्धि है । ॉनगर निगम के नवनिर्वाचित भाजपा पार्षदों और जिला नेतृत्व की बैठक में पार्टी के राज्य महासचिव एस. सुरेश ने मेयर पद के लिए वी.वी. राजेश के नाम की घोषणा की. यह फैसला राज्य और जिला नेतृत्व के बीच लंबी बातचीत के बाद लिया गया।

रिटायर्ड DGP आर श्रीलेखा पर क्यों पड़ा राजेश का पलड़ा भारी?

शुरुआत में रिटायर्ड डीजीपी आर. श्रीलेखा को मेयर पद का संभावित चेहरा माना जा रहा था । हालांकि पार्टी के एक धड़े ने उनके नाम पर आपत्ति जताई. इसके बाद राष्ट्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप से सहमति वी.वी. राजेश के नाम पर बनी। राजेश का संगठनात्मक अनुभव और ज़मीनी राजनीति में पकड़ इस फैसले की बड़ी वजह मानी जा रही है।

कौन हैं वी.वी. राजेश?

वी.वी. राजेश भाजपा के अनुभवी और जमीनी नेता माने जाते हैं. दो बार नगर पार्षद रह चुके हैं. भाजपा के राज्य सचिव  पूर्व युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व तिरुवनंतपुरम जिला अध्यक्ष रहे हैं. पिछली विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका निभाई थी। उन्होंने CPIM शासित नगर निगम में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ सत्याग्रह का नेतृत्व कर पार्टी को मजबूत आधार दिया था।

नगर निगम चुनाव में किसे कितनी सीटें मिलीं?

100 वार्डों वाले तिरुवनंतपुरम नगर निगम में इस बार समीकरण पूरी तरह बदले

  • BJP: 50 सीटें
  • LDF (वाम मोर्चा): 29 सीटें
  • UDF (कांग्रेस गठबंधन): 19 सीटें
  • निर्दलीय: 2 सीटें
  • 1 वार्ड: उम्मीदवार की मृत्यु के कारण मतदान स्थगित

बीजेपी की इस जीत ने चार दशकों से चले आ रहे वामपंथी वर्चस्व को खत्म कर दिया है। 

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