ममता ने की राजीव कुमार की नियुक्ति, इसके खिलाफ कोर्ट जाएगी भाजपा

राजीव कुमार सारदा चिट फंड मामले में साक्ष्यों को मिटाने में आरोपित रहे हैं। उनके खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है। ऐसे में राज्य सरकार उनकी नियुक्ति नहीं कर सकती।

Update: 2023-12-28 07:57 GMT

कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चर्चित आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार को राज्य पुलिस का अस्थायी महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया है। इसके खिलाफ वरिष्ठ भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में मामला ले जाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि राजीव कुमार सारदा चिट फंड मामले में साक्ष्यों को मिटाने में आरोपित रहे हैं। उनके खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है। ऐसे में राज्य सरकार उनकी नियुक्ति नहीं कर सकती।

दरअसल आईपीएस राजीव कुमार का विवादों से पुराना नाता रहा है। वामपंथी शासन के दौरान 2009 में तत्कालीन विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कोलकाता पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे राजीव कुमार पर तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी का फोन टैप करने का आरोप लगाया था। एक दशक बाद 2019 में राज्य की मुख्यमंत्री बनर्जी ने सारदा चिटफंड मामले में कुमार के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच का विरोध किया था और इसके लिए वह कोलकाता में धरने पर बैठ गई थीं, जो काफी चर्चित रहा था। पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार ने 27 दिसंबर को कुमार को राज्य का पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) नियुक्त किया। 57 साल के कुमार फिलहाल सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में प्रधान सचिव थे। उन्हें बनर्जी का करीबी माना जाता है तथा वह अपने इलेक्ट्रॉनिक निगरानी कौशल के लिए जाने जाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के पसंदीदा अधिकारी रहे कुमार का करियर विवादों और प्रशंसा दोनों से जुड़ा रहा है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1989 बैच के अधिकारी कुमार के पास आईआईटी रूड़की से इंजीनियरिंग की डिग्री है। वह कोलकाता पुलिस के आयुक्त, संयुक्त आयुक्त (विशेष कार्य बल) और महानिदेशक (सीआईडी) जैसे प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं। उनके नेतृत्व में, कोलकाता पुलिस के एसटीएफ की माओवादियों के खिलाफ अभियानों के लिए काफी चर्चा हुई थी। 

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