शहर में थम नहीं रहा नकली पनीर का धंधा, कार्रवाई के नाम पर सिर्फ रिपोर्ट का इंतजार

Update: 2025-11-28 06:36 GMT

शहर में खाद्य मिलावट का जाल लगातार फैलता जा रहा है। दूध, पनीर और डेयरी उत्पादों में मिलावट करने वाले दुकानदारों से लेकर व्यापारियों तक की श्रृंखला अब खुलेआम सक्रिय दिखाई दे रही है। इसी कड़ी में, दो दिन पहले खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की संयुक्त टीम ने भनपुरी स्थित एक लाइसेंसी फैक्ट्री से जांच के लिए सैंपल उठाए, जहां दूध पाउडर से पनीर तैयार किया जा रहा था। मामला तब सामने आया जब टाटीबंध क्षेत्र में कुछ लोगों ने संदिग्ध पनीर ले जा रही एक गाड़ी की जांच की। मिलावट के संदेह की जानकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम तक पहुंचाई गई।

उत्पादन विधि को लेकर उठे कई सवाल

सूचना मिलते ही विभाग के निरीक्षक मौके पर पहुंचे। गाड़ी से मिले तथ्यों के आधार पर टीम ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए भनपुरी स्थित दित्या डेयरी में छापेमारी की। यहां से भी पनीर और दूध उत्पादों के सैंपल लिए गए। फैक्ट्री में सफाई व्यवस्था और उत्पादन विधि को लेकर कई सवाल उठे हैं, जिनकी जांच अब प्रयोगशाला में भेजे गए नमूनों के आधार पर की जाएगी।

नाले के ऊपर चल रही थी फैक्ट्री

शंकरनगर में एक मकान के भीतर नकली पनीर बनाया जा रहा था। यह फैक्ट्री नाले के ऊपर गंदगी और बदबू के बीच संचालित हो रही थी, जहां घटिया क्वालिटी का पाम ऑयल, फैट के डल्ले और मिलावटी दूध पाउडर मिलाकर पनीर तैयार किया जा रहा था। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारा तो फैक्ट्री के अंदर गंदगी का अंबार मिला। पनीर को पुराने, सड़े-गले थर्माकोल बॉक्स में पैक किया जा रहा था, जिनका उपयोग पहले मछली परिवहन में किया गया था। फैक्ट्री का संचालन रामानंद बाघ नामक व्यक्ति कर रहा था, जो छापेमारी के बाद से फरार है।

भाटागांव से जब्त हुआ था 700 किलो नकली पनीर

ने जगझाथ मिल्क भंडार से 700 किलो नकली पनीर जब्त किया था। चौंकाने वाली बात यह है कि भाटागांव में नकली पनीर का मामला कोई नया नहीं है। कुछ महीने पहले खाद्य विभाग ने इसी फैक्ट्री को 7500 किलो मिलावटी पनीर के बड़े मामले में भी पकड़ा था। लगातार बड़ी मात्रा में नकली पनीर पकड़े जाने के बावजूद न तो किसी की गिरफ्तारी हुई और न ही कोई ठोस कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ सकी।

जानिए- एनालॉग पनीर क्या है और क्यों खतरनाक है

भनपुरी स्थित एनालॉग पनीर फैक्ट्री से खाद्य विभाग ने जांच के लिए सैंपल लिया है। राजधानी में नकली पनीर के कारोबार पर पहले भी कई बार कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन मिलावटखोरों के हौसले अभी भी बुलंद हैं। कुछ महीने पहले भाटागांव और शंकरनगर में लाइसेंस प्राप्त दो बड़ी एनालॉग पनीर फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया गया था। इन फैक्ट्रियों में बड़े पैमाने पर दूध पाउडर और मिलावटी पदार्थों से पनीर तैयार किया जा रहा था। हैरानी की बात यह है कि अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आई है, जिससे जिम्मेदार लोग पुलिस की पकड़ से दूर हैं।

एनालॉग पनीर असल में पनीर नहीं होता। इसे बनाने में दूध का उपयोग नहीं किया जाता, बल्कि अन्य फैट और घटकों से असली पनीर जैसी बनावट दी जाती है। दूध की जगह इसके उत्पादन में वेजिटेबल ऑयल, स्टार्च और अन्य वनस्पति सामग्री का उपयोग किया जाता है। यह एक सिंथेटिक और कम पौष्टिक विकल्प है, जिसमें दूध की वसा नहीं होती, बल्कि केवल वनस्पति वसा होती है। इससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम पैदा हो सकते हैं। रेस्टोरेंट और होटल इसे इसलिए इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इसकी लागत कम होती है और कीमत असली पनीर की तुलना में लगभग आधी होती है, जिससे ग्राहकों की सेहत के साथ खिलवाड़ होने का खतरा रहता है।

अगस्त में तीन दिनों तक चली थी छापेमारी

खाद्य विभाग ने अगस्त में लगातार तीन दिनों- 4, 5 और 6 अगस्त को- शहर के कई मिठाई दुकानों, रेस्तरां और होटलों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 206 खाद्य सामग्रियों के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए। इनमें 34 लीगल सैंपल, 87 सर्विलांस सैंपल और 85 एमएफटीएल सैंपल शामिल थे।

कानून में ढील, मिलावटखोरों के हौसले बुलंद

खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 63 के तहत पहले बिना लाइसेंस खाद्य वस्तुएं बेचने पर 6 माह की जेल और जुर्माने का प्रावधान था, जिसे अब सिर्फ जुर्माना तक सीमित कर दिया गया है।इसी तरह, मिलावटी और असुरक्षित खाद्य पदार्थ बेचने पर पहले 3 महीने की जेल होती थी, जिसे बदलकर अब केवल 10 लाख रुपए तक के जुर्माने में परिवर्तित कर दिया गया है।स्वदेश की टीम ने खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों का पक्ष जानने के लिए उन्हें लगातार कॉल और मैसेज किए। इसके अलावा दफ्तर में भी जाकर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वहां से यही जानकारी दी गई कि सभी अधिकारी पीएम कार्यक्रम में लगे हुए हैं।

"अभी प्रधानमंत्री के आगमन की व्यवस्था में हूं, फूड अधिकारी से इस विषय में चर्चा कर लेंगे।"

- डॉ. गौरव कुमार सिंह, कलेक्टर, रायपुर

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