Jyotiraditya Scindia: "एक परिवार, एक नेता" के सिद्धांत पर चलेंगे सिंधिया, बेटे के राजनीतिक डेब्यू पर बता दिया रिटायरमेंट का प्लान

Update: 2025-05-24 17:56 GMT

Scindia on political retirement plan : केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पारिवारिक राजनीति के सिद्धांत को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सिंधिया परिवार से एक समय में सिर्फ एक ही व्यक्ति राजनीति में सक्रिय रहेगा। आरएनआई पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान सिंधिया ने कहा, "मैंने अपने बेटे को साफ-साफ कह दिया है कि जिस दिन तुम्हें राजनीति में आना हो, उस दिन मुझे बता देना। मैं उसी दिन राजनीति से रिटायर हो जाऊंगा।"

सिंधिया ने यह भी बताया कि यह उनके परिवार का स्पष्ट नियम है कि एक ही समय में सिर्फ एक सदस्य राजनीति में रहेगा। उनका यह बयान 'एक परिवार, एक नेता' की सोच को मजबूती देने वाला माना जा रहा है।

राजनीति में पारिवारिक विरासत को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में सिंधिया का यह फैसला कई राजनीतिक परिवारों के लिए उदाहरण बन सकता है।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजनीतिक सफर

ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया वर्तमान में भारत के 43वें केंद्रीय संचार मंत्री और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री हैं। उन्होंने 2024 से ये महत्वपूर्ण पद संभाले हैं। 2020 से 2024 तक वे राज्यसभा सदस्य रहे और मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते रहे। इससे पहले वे 2002 से 2019 तक लोकसभा में गुना निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रहे। 2001 से 2020 तक वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे, लेकिन 2020 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा। कांग्रेस के दौरान वे 2012 से 2014 तक दूसरे मनमोहन सिंह मंत्रालय में केंद्रीय ऊर्जा और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री भी रहे।

सिंधिया परिवार की विरासत भी काफी गहरी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रसिद्ध राजनेता माधवराव सिंधिया के पुत्र और ग्वालियर रियासत के अंतिम शासक जीवाजीराव सिंधिया के पोते हैं। 1971 में वे ग्वालियर के क्राउन प्रिंस भी थे, जब तक कि भारत सरकार ने राजघरानों के प्रिवी पर्स और उपाधियों को समाप्त नहीं कर दिया था।

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