MP NEWS: जून में होगी राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षा, ड्रॉप-आउट पर लगेगा ब्रेक

Update: 2025-05-02 12:29 GMT

ड्रॉप-आउट पर लगेगा ब्रेक

MP NEWS : मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड इस साल जून में शिक्षा से वंचित छात्रों को एक और मौका देने जा रहा है। ‘रूक जाना नहीं’ और ‘आ लौट चलें’ जैसी योजनाओं के तहत 2 जून 2025 से कक्षा 5वीं, 8वीं, 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं दो पारियों में आयोजित की जाएंगी। इनमें माध्यमिक शिक्षा मंडल के अनुत्तीर्ण छात्रों के साथ ओपन स्कूल, आईटीआई समकक्ष और सीबीएसई ऑन डिमांड परीक्षाएं भी शामिल होंगी।

बोर्ड की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर उपलब्ध है परीक्षा समय-सारणी

इन परीक्षाओं को दो पारियों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रथम पारी में कक्षा 12वीं की सभी परीक्षाएं और द्वितीय पारी में कक्षा 10वीं, 8वीं और 5वीं की परीक्षाएं संपन्न होंगी। परीक्षाओं की विस्तृत समय-सारणी मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है। इच्छुक अभ्यर्थी अधिक जानकारी के लिए बोर्ड के ईमेल mpsos2022@gmail.com, मोबाइल ऐप 'mpsoseb' या फोन नंबर 0755-2552106 के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं।

ड्रॉपआउट छात्रों के लिए राहत बनी ‘रूक जाना नहीं’ योजना

राज्य शासन की अनुमति से मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित ‘रूक जाना नहीं’ योजना उन विद्यार्थियों के लिए संजीवनी साबित हो रही है जो माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश भोपाल या सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं में अनुतीर्ण हो गए हैं।

इस योजना का उद्देश्य यह है कि कोई भी छात्र केवल एक असफलता की वजह से शिक्षा की मुख्यधारा से न छूटे। योजना के तहत ऐसे छात्रों को उसी वर्ष दोबारा परीक्षा में बैठने का अवसर मिलता है, जिससे वे 10वीं या 12वीं की कक्षा उत्तीर्ण कर आगे की पढ़ाई के लिए अन्य संस्थानों में प्रवेश ले सकें।

यह परीक्षा जून माह में आयोजित की जाती है और अधिकतम एक माह के भीतर इसका परिणाम भी घोषित कर दिया जाता है, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो। यदि कोई छात्र इस परीक्षा में भी सफल नहीं होता है, तो उसे दिसंबर माह में एक और अवसर प्रदान किया जाता है।

वर्ष 2016 में प्रारंभ की गई यह योजना पहले केवल माध्यमिक शिक्षा मंडल के अनुतीर्ण छात्रों के लिए थी, लेकिन इसकी सफलता को देखते हुए अब इसे सीबीएसई बोर्ड के छात्रों के लिए भी ऑन डिमांड परीक्षा के रूप में लागू किया गया है।

ड्रॉपआउट छात्रों की नई राह बनी 'आ लौट चलें' योजना

राज्य शासन की पहल पर 'आ लौट चलें' योजना की शुरुआत ड्रॉपआउट विद्यार्थियों को फिर से शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से की गई है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा इस योजना को लागू किया गया है, जिसमें प्रदेश के ऐसे छात्र-छात्राएं, जो किसी कारणवश पढ़ाई अधूरी छोड़ चुके हैं, उन्हें कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में शामिल होने का एक और अवसर प्रदान किया जाता है।

ऑनलाइन आवेदन की सुविधा के साथ इस योजना में पाठ्यक्रम और ब्लूप्रिंट वही रखा गया है, जो मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा प्रचलित है, जिससे विद्यार्थियों को पढ़ाई में किसी तरह की दिक्कत न हो। 14 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के छात्रों को लक्ष्य बनाकर यह योजना ओपन स्कूल के ज़रिये उन्हें फिर से शिक्षा से जोड़ने का काम कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ड्रॉपआउट की संख्या घटाने और हर स्तर पर शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में यह योजना एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

कम समय में परीक्षा पास करने का मौका देती है 'ऑन डिमांड परीक्षा' योजना

मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित 'ऑन डिमांड परीक्षा' योजना उन विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो एक या अधिक विषयों में असफल हो गए हैं और जल्दी से जल्दी पुनः परीक्षा देकर उत्तीर्ण होना चाहते हैं। इस योजना के अंतर्गत देश के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड के विद्यार्थी 10वीं या 12वीं की परीक्षा में केवल 15 दिनों के भीतर शामिल होकर पास होने का अवसर पा सकते हैं।

इस विशेष योजना में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को सिर्फ मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश या सीबीएसई बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुरूप परीक्षा देनी होती है। 'ऑन डिमांड परीक्षा' योजना विशेष रूप से उन छात्रों के लिए फायदेमंद है जो अपना कीमती समय बचाना चाहते हैं और शिक्षा की दौड़ में पीछे नहीं रहना चाहते।

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