अब एक ही परीक्षा से मिलेगी सरकारी नौकरी: सीएम डॉ. मोहन यादव का बड़ा ऐलान, बनेगा कर्मचारी आयोग

Update: 2025-10-29 03:47 GMT

मप्र में अब एक परीक्षा से सरकारी नौकरी मिलेगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की है। वे राज्य कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित दिवाली मिलन समारोह में शामिल हुए थे। यूपीएससी की तर्ज पर चयन परीक्षाएं आयोजित कराने का ऐलान करते हुए उन्होंने कर्मचारियों से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए कर्मचारी आयोग के गठन की भी घोषणा की।

कर्मचारी आयोग के गठन का ऐलान

मुख्यमंत्री ने बताया कि पुलिस भर्ती के लिए रिक्त 20 हजार से अधिक पदों को भरने का काम तीन साल में किया जाएगा। विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों और ग्रेड पे में परिवर्तन जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में कर्मचारी आयोग का गठन किया जाएगा। इस आयोग के माध्यम से अधिकारियों और कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर की जाएंगी।

यूपीएससी की तर्ज पर एक ही परीक्षा

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रोजगार के लिए अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जिनमें समय अधिक लगता है, जिससे रोजगार मिलने में देरी होती है। इसलिए अब यूपीएससी की तर्ज पर एक ही परीक्षा कराई जाएगी। महंगाई भत्ते पर उन्होंने कहा कि केंद्र के समान भत्ता देने का काम किया जा रहा है। पांच समान किस्तों में अक्टूबर तक एरियर का भुगतान किया गया है। अधिकारियों के आवास की व्यवस्था तेजी से की जा रही है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ देने का काम भी किया गया है। सरदार वल्लभभाई पटेल पार्क में हुए इस कार्यक्रम में शिक्षकों ने नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता तय करने की मांग भी रखी।

विभिन्न विभागों में 19,504 नए पदों पर भर्ती

सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के 19,504 नए पदों को भरने का काम कर रही है। एक जनवरी 2005 या उसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए एनपीएस पर विचार करने के लिए समिति गठित की गई है। नौ साल से लंबित हाउस रेंट अलाउंस (HRA) को भी सरकार ने मंजूरी दी है।

कर्मचारी हितों के लिए पूरी तरह तैयार-सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कर्मचारी हितों के लिए पूरी तरह तैयार है। अधिकारी-कर्मचारी का प्रमोशन होना चाहिए, इस दिशा में प्रयास किया गया है और हम अंतिम चरण तक पहुंचे हैं। थोड़ी रुकावट है, लेकिन जल्द ही समाधान निकाला जाएगा। मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने बताया कि जनजातीय गौरव दिवस पर पंचायत स्तर से लेकर राज्य स्तर तक कार्यक्रम आयोजित होंगे। बिरसा मुंडा की जीवनी को प्रदेश के स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, ताकि नई पीढ़ी उनके योगदान से परिचित हो सके।

स्थापना दिवस और सांस्कृतिक कार्यक्रम

विजयवर्गीय ने बताया कि 1 नवंबर को प्रदेश स्थापना दिवस पर राज्य सरकार रोजगार और कौशल विकास पर केंद्रित एक विजन डॉक्यूमेंट पेश करेगी। इस दौरान सरकार के पिछले दो वर्षों की उपलब्धियों का विवरण भी प्रस्तुत किया जाएगा। स्थापना दिवस के उपरांत 2 और 3 नवंबर को राजधानी भोपाल में विक्रमादित्य महा नाट्य का आयोजन होगा, जिसमें प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और गौरवशाली इतिहास को प्रस्तुत किया जाएगा।

अंगदान करने वालो को सम्मान

भोपाल में तीन दिन पहले अंगदान कर तीन लोगों की जान बचाने वाले 37 वर्षीय ऑटो चालक को मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि दी और घोषणा की कि उसकी अंतिम विदाई गार्ड ऑफ ऑनर के साथ की जाएगी। उन्होंने कहा कि अंगदान और देहदान की भावना को बढ़ावा देने के लिए मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों में जनजागरण करें।

एसआईआर प्रक्रिया का स्वागत

मंत्रि-परिषद ने एसआईआर (Special Intensive Revision) प्रक्रिया का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में घुसपैठियों की संख्या बढ़ रही है। बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते आए घुसपैठिए भोपाल और इंदौर में पकड़े गए हैं। इन्हें पकड़ने के लिए एसआईआर प्रक्रिया बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है। मप्र में मंगलवार से एसआईआर प्रक्रिया लागू हो गई है।

पिछले वेतन आयोगों की झलक

5वां वेतन आयोग (1994–1997): अप्रैल 1994 में गठित, जनवरी 1997 में रिपोर्ट सौंपी। सिफारिशें 1 जनवरी 1996 से लागू हुईं। पे स्केल 51 से घटाकर 34 किए गए।

6वां वेतन आयोग (2006–2008): 20 अक्टूबर 2006 को गठित, मार्च 2008 में रिपोर्ट सौंपी गई। अगस्त 2008 में मंजूरी मिली और सिफारिशें 1 जनवरी 2006 से लागू हुईं।

7वां वेतन आयोग (2014–2016): फरवरी 2014 में गठन, नवंबर 2015 में रिपोर्ट सौंपी गई। जून 2016 में सरकार ने मंजूरी दी और सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गईं।

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