केंद्रीय मंत्री शिवराज और सीएम मोहन यादव की बैठक: MP में दो IFS अधिकारियों का तबादला, विवाद के बाद हटाए गए मगर सिंह डाबर
मध्यप्रदेश। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बीच हुई बैठक के बाद राज्य सरकार ने दो IFS अधिकारियों का प्रशासनिक स्तर पर तबादला कर दिया है। सीहोर में बारिश के दौरान लोगों के घर तोड़े जाने को लेकर हुए विवाद के बाद वनमंडल अधिकारी मगन सिंह डाबर को उनके पद से हटा दिया गया है।
इस कार्रवाई के पीछे मुख्य कारण अधिकारियों के रवैये को लेकर जनप्रतिनिधियों की नाराजगी रही। मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पूरे मामले पर गंभीरता दिखाई और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। इसके बाद प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से तबादले के आदेश जारी कर दिए।
शिवराज और मोहन यादव की मौजूदगी में हुई समीक्षा
खिवनी अभयारण्य के लिए वन विभाग की कार्रवाई से प्रभावित जनजातीय समुदाय के नागरिक, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में सीएम यादव से मिले। शिवराज सिंह चौहान और डॉ. मोहन यादव ने बैठकर प्रभावित लोगों की परेशानियां सुनी। बीते दिनों यहां 29 परिवारों के लोगों के सामने उनकी खोपड़ी तोड़ दी गई थी। भरी बरसात में बिलखते हुए लोगों की तस्वीर सामने आई थी।
सीएम मोहन यादव ने बताया कि, हमारी सरकार गरीबों की सरकार है, गरीबों के साथ है। आज भोपाल निवास पर केंद्रीय मंत्री भाईसाहब शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में खिवनी अभयारण्य के लिए वन विभाग की कार्रवाई से प्रभावित जनजातीय समुदाय के नागरिकों से भेंट की। उनकी शिकायतों को सुना तथा जांच के निर्देश दिए। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें और पीड़ितों को शासकीय सुविधाओं का लाभ दिलाएं। वन विभाग को निर्देश दिए हैं कि बारिश के दौर में ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचें।
पिछले दिन सीएम मोहन यादव ने इस मामले में बयान जारी करते हुए कहा था कि, खिवनी अभयारण्य, सीहोर-देवास में वन विभाग द्वारा जनजातीय अंचल में की गई कार्रवाई का मामला संज्ञान में आया है। प्रशासन को ऐसी व्यवस्था बनाने के निर्देश दे दिए हैं, जिससे कल्याणकारी योजनाएं पूर्ण हों और संवेदनशीलता भी बनी रहे। मंत्री विजय शाह को मौके पर जाने के लिए निर्देशित किया है।
खिवनी अभयारण्य में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई 23 जून को हुई थी। इस कार्यवाई से 29 परिवारों के 51 लोग प्रभावित हुए थे। लगभग एक माह पूर्व नोटिस दिया गया था। दस्तावेज ने दिखाने पर 14 जून को बेदखली का आदेश दिया गया।