ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेस-वे को मिली रफ्तार, अंतिम चरण में भूमि अधिग्रहण का काम
आगरा और ग्वालियर के बीच तेज, सुरक्षित और सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करने वाले 88.400 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को लेकर अब काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। परियोजना की कुल लागत 4613 करोड़ रुपये है, जिसमें भूमि अधिग्रहण का चरण अंतिम दौर में पहुंच चुका है। अब तक 70.36 करोड़ रुपये का मुआवजा हितग्राहियों को वितरित किया जा चुका है। हालांकि धौलपुर से कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाह द्वारा अधिक मुआवजे की मांग किए जाने के कारण कुछ समय के लिए कार्य प्रभावित हुआ है। एनएचएआई जल्द ही विधायक के साथ बैठक कर विवाद का समाधान तलाशने की तैयारी में है, ताकि कार्य निर्धारित समयसीमा में शुरू हो सके।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी स्वयं इस परियोजना की मॉनिटरिंग कर रहे हैं ताकि सभी प्रशासनिक औपचारिकताएं समय पर पूरी हों। तीन राज्यों—उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश से होकर गुजरने वाली यह परियोजना क्षेत्रीय यातायात, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
पर्यटन और वाहन आवागमन को मिलेगी नई दिशा
आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे न केवल यात्रा समय कम करेगा, बल्कि दोनों शहरों के बीच पर्यटन और व्यावसायिक गतिविधियों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। ताजमहल और ग्वालियर किले जैसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के बीच तेज कनेक्टिविटी से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने की उम्मीद है। यह नया मार्ग आगरा, धौलपुर और मुरैना जिलों से होकर गुजरेगा। इसमें आगरा के 14 गांव, धौलपुर के 30 गांव और मुरैना के कई गांव शामिल हैं, जहां भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है।
केंद्रीय मंत्रालय और वाइल्डलाइफ एडवाइजरी बोर्ड से मिली एनओसी
एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक, एक्सप्रेस-वे और इसके हिस्से में प्रस्तावित सिक्स लेन केबल-स्टे ब्रिज के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय तथा वाइल्डलाइफ एडवाइजरी बोर्ड ने एनओसी जारी कर दी है। इसके साथ ही परियोजना में पर्यावरणीय अड़चनें दूर हो गई हैं।
परियोजना की प्रमुख बातें
• 88.400 किमी लंबा ग्रीनफील्ड सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे
• नए मार्ग से आगरा-ग्वालियर की दूरी 32 किमी कम होगी
• एनएच नंबर 719डी के रूप में विकसित किया जाएगा
• एक्सप्रेस-वे आगरा से शुरू होकर धौलपुर व मुरैना के रास्ते ग्वालियर के सुसेरा गांव तक पहुंचेगा
• उच्च गति यातायात से दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी
भूमि अधिग्रहण की स्थिति
परियोजना के लिए कुल 502.11 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। निजी भूमि के बदले कुल 220 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में वितरित किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार एनएचएआई से पूरी राशि ले चुकी है और लगभग 30 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर चुकी है। भुगतान अभी भी जारी है।
मध्य प्रदेश में ग्वालियर क्षेत्र में 10 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा बांटा जा चुका है।
राजस्थान (धौलपुर) में मुआवजे की मांग को लेकर विवाद हुआ, जिसके चलते वितरण धीमा हुआ है। एनएचएआई स्थानीय स्तर पर शीघ्र समाधान खोजने का प्रयास कर रहा है।
उदयपुर की कंपनी 30 माह में पूरा करेगी काम
निर्माण का दायित्व उदयपुर की जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स कंपनी को दिया गया है। कंपनी 4612.65 करोड़ रुपये की लागत से इस परियोजना को 30 माह में पूरा करेगी। यानी वर्ष 2028 तक एक्सप्रेस-वे पूरी तरह तैयार होने की संभावना है। इसके निर्माण की घोषणा सितंबर 2022 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ग्वालियर में की थी।
दिसंबर के अंत से शुरू होगा निर्माण कार्य
यमुना एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर तैयार किए जा रहे इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य दिसंबर के अंत से शुरू होने जा रहा है। सिक्स लेन वाले इस हाईस्पीड मार्ग पर आगरा से ग्वालियर पहुंचने में वर्तमान की तुलना में लगभग आधा समय लगेगा। अभी दोनों शहरों के बीच सफर में दो से ढाई घंटे लगते हैं, लेकिन एक्सप्रेस-वे तैयार होने के बाद यह यात्रा मात्र एक से डेढ़ घंटे में पूरी हो जाएगी।