“जल संरक्षण में चमका गुना: राष्ट्रपति ने नगर पालिका को नेशनल वॉटर अवॉर्ड से नवाज़ा”

Update: 2025-11-19 02:40 GMT

श्रेणी-3 में दूसरी रैंक : बैतूल, धार, देवास, सिवनी और खरगोन भी पुरस्कृत

गुना नगरीय निकाय को जल संचय के क्षेत्र में जनभागीदारी के साथ श्रेष्ठ कार्य करने पर देश के चुने हुए 50 नगरीय निकायों में स्थान मिला है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में गुना नगरीय निकाय को सम्मानित किया। नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त संकेत भोडवे ने गुना नगर पालिका परिषद को बधाई दी है।

लक्ष्य से अधिक तैयार की गई

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने देश में जनभागीदारी से जल संचय की बेहतर पहल के लिए प्रशासन तंत्र के हर स्तर पर पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की थी। गुना नगर पालिका परिषद ने जल संचय के लिए कार्ययोजना बनाकर नगरीय क्षेत्र में 2,231 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जियो-टैग्ड फोटो पोर्टल पर अपलोड किए, जो निर्धारित लक्ष्य से अधिक हैं। साथ ही गुना शहरी क्षेत्र के कुओं का जीर्णोद्धार कर उन्हें पुनर्जीवित करने का कार्य भी किया गया।

जल संचय जनभागीदारी पुरस्कार

जल संचय के कार्य को गति देने के लिए गुना नगर पालिका ने विशेष दल का गठन किया था। इस दल ने मई माह के दौरान शासकीय व निजी परिसरों, स्कूलों, कॉलेजों, छात्रावासों, मल्टी-स्टोरी बिल्डिंगों, निजी कॉलोनियों तथा कुओं और बावड़ियों का सर्वे किया। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जनभागीदारी से 2,231 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किए गए तथा पहले से उपलब्ध सिस्टम की मरम्मत सुनिश्चित की गई।

उल्लेखनीय है कि जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग ने वर्ष 2024 के लिए 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों के अंतर्गत कुल 46 विजेताओं (संयुक्त विजेताओं सहित) की घोषणा की है। ये पुरस्कार 10 श्रेणियों में दिए जाते हैं—सर्वश्रेष्ठ राज्य, सर्वश्रेष्ठ जिला, सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत, सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय, सर्वश्रेष्ठ स्कूल/कॉलेज, सर्वश्रेष्ठ उद्योग, सर्वश्रेष्ठ जल उपभोक्ता संघ, सर्वश्रेष्ठ संस्था (स्कूल/कॉलेज के अतिरिक्त), सर्वश्रेष्ठ सिविल सोसायटी तथा जल क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति।

कैच द रेन अभियान के अंतर्गत साउथ ज़ोन की श्रेणी-1 में पहला पुरस्कार ईस्ट निमाड़ जिले को मिला है। श्रेष्ठ 50 शहरी निकायों में गुना का चयन हुआ है। जिलों में श्रेणी-3 में दूसरी रैंक पर गुना, बैतूल, धार, देवास, सिवनी और खरगोन को स्थान मिला है। जिलों को न्यूनतम 10,000 कृत्रिम भू-जल पुनर्भरण व संचयन संरचनाएँ बनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। पूर्वोत्तर व पर्वतीय राज्यों के जिलों के लिए यह लक्ष्य 3,000 संरचनाएँ निर्धारित है, जबकि देशभर के नगर निगमों के लिए यह संख्या 10,000 है। इन संरचनाओं में वर्षा जल संचयन, झीलों, तालाबों और बावड़ियों का पुनर्जीवन शामिल है। शहरी जल संरक्षण प्रयासों को सशक्त करने हेतु आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने जल शक्ति मंत्रालय के साथ साझेदारी की है।

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