नकली नोटों को खपाने के लिए साप्ताहिक हाट बाजार में जाता था आरोपी
आरोपी ने नोट में कोई कमी न रह जाए इसलिए कई सामग्री ऑनलाइन मंगवाई थी
नकली नोट छापने वाले शातिर युवक ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। उसे अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। आरोपी ने बताया कि उसे नकली नोट छापने की बारीक कला जर्मन किताबों से सीखने को मिली थी। उन्हीं किताबों की मदद से वह नोट में किसी भी कमी को दूर करने की तकनीक जान पाया और इसके लिए कई सामग्री ऑनलाइन बाहर से मंगवाई गई।
आरोपी का प्रोफाइल
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी विवेक यादव, पिता मनोज यादव, उम्र 21 वर्ष, नौकरी की तलाश में मुंबई गया था। उसने कक्षा दसवीं तक पढ़ाई की थी। इसलिए हर कोई उसे नौकरी देने से इंकार कर दिया। वह भोपाल वापस आया और मंडीदीप में एक कारखाने में नौकरी करने लगा।
जर्मन किताबों से सीखी नोट छापने की बारीकी
वह प्लास्टिक और पेपर की बारीक जानकारी हासिल कर चुका था। इसके बाद उसे पैसों की अधिक आवश्यकता महसूस हुई, तो उसने 'रोल ऑफ दा रुल्स' नामक प्रसिद्ध जर्मन प्रिंटिंग एक्सपर्ट की किताबें और 'मैनुअल ऑफ स्क्रीन प्रिंटिंग', 'एलेक्जा प्रिंटिंग' सहित अन्य कई किताबें अध्ययन कीं। इसके बाद वह जाली नोट छापने में जुट गया। कुछ जानकारियां उसने गूगल पर खोजकर भी प्राप्त कीं। सबसे पहले उसने 500 रुपये के नोट छापना शुरू किया। उसका कहना था कि 100 रुपये और 500 रुपये के एक जाली नोट तैयार करने में पैसा, मेहनत और समय बराबर लगता है।
40 लाख छापने लायक मौजूद था सामान
पिपलानी पुलिस ने उसके कोरल लाईफ फेस-2, मुलरी नगर, करौंद स्थित किराए के मकान से भारी मात्रा में जाली नोट छापने का मटेरियल बरामद किया। उसके पास वर्तमान में इतना मटेरियल था कि वह अपने समय में 40 लाख रुपये के 500 रुपये के जाली नोट छाप सकता था।
विवेक यादव ने पुलिस को बताया कि यदि वह दो महीने तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ता, तो वह भारतीय मुद्रा के 500 रुपये का ऐसा जाली नोट तैयार कर लेता, जिसे एटीएम और नोट पहचानने वाली मशीनें भी पकड़ नहीं पातीं। उसने काफी बारीकी से जाली नोट बनाना सीख लिया था।
500 रुपये के 451 जाली नोट किए थे बरामद
पुलिस ने बताया कि पिपलानी पुलिस ने 500 रुपये के 451 जाली नोट और 2,25,500 रुपये के साथ विवेक यादव को शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से नोट छापने के उपकरण, कंप्यूटर, कटर, कागज, प्रिंटर समेत अन्य सामान बरामद हुआ। आरोपी की पेंट की जेब से 23 जाली नोट (500 रुपये के) मिले। मोबाइल की जांच में जाली नोट बनाने के उपकरणों से संबंधित पुख्ता जानकारी मिली।आरोपी विवेक यादव मूलतः उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के ग्राम जमुआ धरमेर का रहने वाला है।