रायसेन रोड स्थित एनआरआई इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक एंड मेडिकल साइंस में गुरुवार को 70 वर्षीय सुरेश मित्रा को देहदान करने पर पुलिस बैंड द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। मित्रा को यह सेरेमोनियल ऑनर सीनियर अधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस जवानों ने दिया। इसके बाद उनकी बॉडी आयुर्वेदिक मेडिकल एजुकेशन और रिसर्च के लिए संस्थान को सौंप दी गई। अब उनके देह से भविष्य के डॉक्टर चिकित्सा की बारीकियां सीखेंगे।
इस मौके पर उज्जैन के अंकितग्राम सेवाधाम आश्रम के फाउंडर सुधीर गोयल ने बताया कि मित्रा का 25 नवंबर को निधन हो गया था। उनकी आखिरी इच्छा के अनुसार आश्रम ने सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद मानवता की भलाई के लिए उनकी बॉडी डोनेट करने का निर्णय लिया।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में उन लोगों को सरकारी सम्मान देने का फैसला किया है, जो मरने के बाद अपनी बॉडी या ऑर्गन डोनेट करते हैं। इसमें गार्ड ऑफ ऑनर भी शामिल है। सेरेमनी के दौरान यूनिफॉर्म पहने अधिकारी और जवान फॉर्मेशन में खड़े हुए। कमांड मिलने पर वे सम्मान देने के लिए अपने हथियार उठाकर सैल्यूट करते हैं। परंपरागत रूप से ऐसे सम्मान सरकारी प्रोटोकॉल के तहत खास या बहुत खास श्रेणी के लोगों के लिए आरक्षित होते हैं।
डोनर को श्रद्धांजलि देते हुए, एनआरआई समूह के चेयरमैन डी. सुबोध सिंह ने कहा कि शरीर दान सेवा का सबसे बड़ा रूप है। यह अपने योगदान से इंसानी जीवन को अमर बनाता है। सुरेश मित्रा का यह निर्णय आयुर्वेदिक मेडिकल शिक्षा और रिसर्च में आने वाली पीढ़ियों को अत्यंत महत्वपूर्ण मदद प्रदान करेगा।