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महाराष्ट्र बंद का आह्वान, इंटरनेट सेवा ठप

Update: 2018-07-24 07:05 GMT

मुंबई। औरंगाबाद के कायगांव में सोमवार को मराठा क्रांति मोर्चा के काकासाहेब शिंदे द्वारा जलसमाधि लेने की घटना के बाद मराठा आंदोलनकारियों ने महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है। इसका असर अहमदनगर, औरंगाबाद, पुणे में देखने को मिल रहा है। मुंबई-पुणे हाईवे पर वाहनों के जलाए जाने की खबर मिल रही है। इसी प्रकार अहमदनगर में वाहनों के तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं। मराठा समाज के उग्र आंदोलन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बंदोबस्त किया गया है। औरंगाबाद में इंटरनेट सेवा मध्य रात्रि से ही बंद कर दी गई है। आंदोलनकारियों को समझाया जा रहा है।

बीड़ जिले में स्थित परली तहशील कार्यालय पर मराठा क्रांति मोर्चा की ओर से 18 जुलाई से ही लगातार धरना आंदोलन जारी है। यहां मराठा समाज की ओर मराठा आरक्षण की मांग की जा रही है। इस मांग के समर्थन में सोमवार को औरंगाबाद में गंगापुर तहसील में काकासाहेब शिंदे के नेतृत्व में धरना दिया गया था और मांग न माने जाने पर जलसमाधि लेने की चेतावनी निवेदन में दी गई थी। लेकिन प्रशासन की ओर से इस ओर ध्यान न दिए जाने पर काकासाहेब शिंदे ने गोदावरी नदी में छलांग लगा दी थी।

इस घटना की प्रतिक्रिया स्वरुप मंगलवार को ही मराठा क्रांति मोर्चा की ओर से महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया गया था। हालांकि मंगलवार को पंढरपुर से वारकरी समाज के लोग अपने घर की ओर लौट रहे हैं, इसे देखते हुए यह आंदोलन बुधवार तक के लिए स्थगित किए जाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन आंदोलनकारियों ने मंगलवार की सुबह से ही आंदोलन शुरू करते हुए औरंगाबाद -पुणे राजमार्ग जाम कर रखा है। आंदोलन की वजह से मराठवाड़ा में स्कूल व कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा कर दी गई है। पुणे-औरंगाबाद के बीच एसटी सेवा पूरी तरह बंद कर दी गई है। अहमगदनगर-औरंगाबाद हाईवे भी आंदोलनकारियों ने बंद कर रखा है।

इस घटना में मृतक आंदोलनकारी काकासाहेब शिंदे का शव लेने से उनके भाई अविनाश शिंदे ने सोमवार को इनकार कर दिया था। उन्होंने परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने, इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने, मृतक परिवार को 50 लाख रुपये आर्थिक मदद दिए जाने की मांग की थी।

औरंगाबाद के जिलाधिकारी उदय चौधरी ने मृतक परिवार के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद दिए जाने, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने का लिखित आश्वासन अविनाश शिंदे को दिया है। इससे आंदोलन की धार कम होती नजर आ रही है। 

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