यूएस ओपन : फेडरर ने भारत के सुमित नागल को हराया

Update: 2019-08-27 05:25 GMT

नई दिल्ली। भारतीय टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल ने अंतिम क्वॉलिफाइंग दौर में जीत हासिल कर अमेरिकी ओपन के पहले दौर में सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक रोजर फेडरर से मुकाबले का मौका हासिल किया है। हालांकि, अपने पहले ग्रैंड स्लैम में सुमित नागल को रोजर फेडरर के हाथों हार का सामना करना पड़ा, लेकिन यह सुमित के लिए डेब्यू किसी ड्रीम से कम नहीं रहा। उन्होंने पहले सेट में रोजर फेडरर को 6-4 से मात देकर अपने पहले ग्रैंड स्लेम की शानदार शुरुआत की।

सुमित नागल पहले सेट में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी और पुरुष एकल में सबसे ज्यादा ग्रैंड स्लैम विजेता रोजर फेडरर को 6-4 से हराकर चौंका दिया। इसके बाद फेडरर ने दूसरे सेट में 6-1 से जीत हासिल की। तीसरे सेट में रोजर फेडरर ने 6-2 से सुमित नागल को मात दी।

वहीं, चौथे सेट में सुमित नागल ने रोजर फेडरर को कड़ी टक्कर दी। वह एक समय 4-4 से फेडरर के बराबर थे, लेकिन स्विस खिलाड़ी ने अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए नागल को 6-4 से हरा दिया। हरियाणा के झज्जर में रहने वाले सुमित नागल का उनके पहले ग्रैंड स्लेम में पहला मुकाबला रोजर फेडरर से हुआ, जो उनके करियर का सबसे बड़ा मुकाबला और कठिन मुकाबला रहा। वहीं, दूसरी तरफ 88वीं रैंकिंग भारत के प्रजनेश गुणेश्वरन को यूएस ओपन के पहले दौर में टेनिस का कड़ा सबक सीखने को मिला। वह यहां विश्व में पांचवें नंबर के दानिल मेदवेदेव से सीधे सेटों में हारकर बाहर हो गए। प्रजनेश और शीर्ष पांच में शामिल खिलाड़ी के बीच अंतर साफ दिखा और भारतीय खिलाड़ी को रूसी स्टार से 4-6, 1-6, 2–6 से हार का सामना करना पड़ा।

बता दें कि सुमित नागल ने अंतिम क्वॉलिफाइंग दौर में ब्राजील के जोआओ मेनेजेस के खिलाफ एक सेट गंवाने के बाद वापसी करते हुए दो घंटे 27 मिनट में 5-7 6-4 6-3 से जीत हासिल की थी। इस तरह 22 साल का यह खिलाड़ी इस एक दशक में ग्रैंडस्लैम एकल मुख्य ड्रॉ में खेलने वाला पांचवां भारतीय बना। सोमदेव देववर्मन, युकी भांबरी, साकेत मायनेनी और प्रजनेश गुणेश्वरन इससे पहले टेनिस ग्रैंडस्लैम में खेल चुके हैं।

सुमित नागल 2015 में जूनियर ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली छठे भारतीय बने थे, उन्होंने वियतना के नाम हाओंग लि के साथ मिलकर विम्बलडन में लड़कों के वर्ग का युगल खिताब जीता था। प्रजनेश भी इसी अमेरिकी ओपन में खेल रहे हैं, जिससे भारत के दो खिलाड़ी 1998 के बाद पहली बार ग्रैंडस्लैम में भाग लेंगे। 1998 में महेश भूपति और लिएंडर पेस विम्बलडन में खेले थे।

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