Hockey: लगातार हार के बाद अब जीत की तलाश में भारतीय पुरुष और महिला टीमें, बेल्जियम से होगी टक्कर

Update: 2025-06-20 14:31 GMT

India Aim to End Campaign On a Winning Note: एफआईएच प्रो लीग में लगातार छह हार झेल चुकी भारतीय पुरुष हॉकी टीम अब सम्मान की लड़ाई लड़ने उतरेगी। यूरोप चरण में खराब प्रदर्शन के चलते टीम का अगले साल होने वाले विश्व कप के लिए सीधे क्वालिफाई करने का सपना टूट चुका है। ऐसे में अब भारत की कोशिश होगी कि वह बेल्जियम के खिलाफ शनिवार और रविवार को होने वाले अपने आखिरी दो मुकाबलों में जीत दर्ज कर सत्र का अंत सकारात्मक तरीके से करे।

यूरोप में जीत से दूर रही टीम इंडिया

इस साल की शुरुआत में भुवनेश्वर लेग में शानदार प्रदर्शन के बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम से यूरोप दौरे पर बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी। टीम अब तक एक भी जीत दर्ज नहीं कर पाई है। लगातार छह हार के कारण भारत अंक तालिका में तीसरे से आठवें स्थान पर खिसक गया है, जबकि इस टूर्नामेंट में केवल 9 टीमें हिस्सा ले रही हैं।

प्रो लीग का खिताब जीतने वाली टीम को सीधे विश्व कप 2026 (बेल्जियम और नीदरलैंड) के लिए क्वालिफाई करने का मौका मिलेगा, लेकिन भारत के लिए यह दरवाजा अब लगभग बंद हो चुका है। अब तक भारत को नीदरलैंड के खिलाफ 1-2 और 2-3, अर्जेंटीना से 3-2 और 2-1 और ऑस्ट्रेलिया से 3-2 और 3-2 से हार का सामना करना पड़ा है। लगातार करीब के मैच हारने से साफ है कि टीम संघर्ष कर रही है, लेकिन जीत की कमी ने उसकी स्थिति मुश्किल बना दी है।

डिफेंस और अटैक दोनों फेल

भारतीय टीम ने यूरोप चरण में पूरी तरह खराब प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन अंतिम मिनटों में गोल गंवाने की आदत ने टीम को लगातार हार दिलाई। मैच के आखिरी 13 मिनटों में विपक्षी टीमों ने अधिकांश विजयी गोल दागे, जिससे साफ होता है कि भारतीय डिफेंस दबाव में टूट रहा है।

कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने डिफेंस की कमान संभाली जरूर, लेकिन अमित रोहिदास और सुमित जैसे सीनियर खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी। वहीं फॉरवर्ड लाइन कई मौकों पर गोल के सामने कमजोर साबित हुई और मौके भुना नहीं सकी। कोच क्रेग फुल्टोन भी टीम की पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की दर से खुश नहीं दिखे। यह कमियां टीम के प्रदर्शन पर भारी पड़ीं और जीत से लगातार दूर करती रहीं।

भारतीय महिला टीम को पहली जीत की तलाश

भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए भी एफआईएच प्रो लीग का यूरोप चरण अब तक निराशाजनक रहा है। लंदन में खेले गए चार मुकाबलों में टीम को लगातार हार का सामना करना पड़ा। उसे ऑस्ट्रेलिया से 3-2 और 2-1, जबकि अर्जेंटीना से 4-1 और 2-0 से हार झेलनी पड़ी।

हालांकि मुख्य कोच हरेंद्र सिंह की अगुवाई में टीम ने तेज और आक्रामक हॉकी खेली, लेकिन पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की कमजोरी टीम पर भारी पड़ी। अब महिला टीम की नजरें शनिवार और रविवार को बेल्जियम के खिलाफ होने वाले मुकाबलों पर होंगी, जहां वह यूरोपीय चरण में पहली जीत दर्ज करने के इरादे से उतरेगी। फिलहाल टीम अंक तालिका में सातवें स्थान पर है। उसे 28 और 29 जून को बर्लिन में चीन के खिलाफ अपने अंतिम दो मुकाबले खेलने हैं।

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