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सूर्योपासना का पवित्र पर्व चैती छठ नहाय-खाय के साथ शुरू, 11 को पहला अर्घ्य

Update: 2019-04-09 13:40 GMT

पटना। नहाय-खाय के साथ चार दिनों तक चलने वाला सूर्योपासना का पवित्र महापर्व चैती छठ मंगलवार से शुरू हो गया। छठ व्रतियों ने गंगा स्नान कर गंगाजल से बने कद्दू और अरवा चावल से बने भात को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। इसके बाद बुधवार को छठ व्रतियां खरना करेंगी। इसमें अरवा चावल में गुड़ या चीनी से बनी खीर का भोग भगवान को लगाए जाने के बाद व्रती प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगी। गुरुवार को दिनभर के उपवास के बाद व्रती शाम को भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जायेगा। इसके बाद शुक्रवार की सुबह व्रती उदयीमान भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगी। इसके साथ ही महापर्व संपन्न हो जाएगा।

हिन्दू नववर्ष के पहले माह चैत्र की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाने वाला यह छठ महापर्व व्रती भगवान सूर्य की पूजा कर आरोग्यता, संतान और मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद मांगते हैं। बिहार में इसे प्रमुखता से मनाया जाता है। चैतीछठ कार्तिक छठ की तरह ही होता है, लेकिन इसे कम लोग ही मनाते हैं। इसमें डाला पर ठेकुआ के साथ ही फल और मेवों का प्रसाद चढ़ाया जाता है। यह मूल रूप से पूर्वी भारत में मनाया जाता है।

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