SwadeshSwadesh

गज केसरी और अमृत योग में मनेगी शरद पूर्णिमा, मिलेगा रोगों से छुटकारा

Update: 2018-10-22 05:45 GMT

ग्वालियर। इस बार शरद पूर्णिमा 24 अक्टूबर बुधवार को मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य डॉ. एच.सी. जैन के अनुसार इस बार शरद पूर्णिमा गज केशरी और अमृत योग में मनाई जाएगी। डॉ. जैन ने बताया कि अश्विन महीने की शरद पूर्णिमा बेहद ही खास होती है। मान्यता है कि इस दिन चांदनी रात में खीर खुले आसमान में रखी जाती है। इसके बाद वह अमृत रूपी खीर बन जाती है, जिसका सेवन करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। इस बार अचलेश्वर महादेव मंदिर पर शरद पूर्णिमा का पर्व 29 अक्टूबर सोमवार को मनाया जाएगा। अचलेश्वर मंदिर पर 21 क्विंटल से अधिक दूध की खीर बनेगी और उसका वितरण भक्तों को किया जाएगा।

ज्योतिषाचार्य डॉ. जैन के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात को चांद धरती के सबसे करीब होता है। कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा को चांद 16 कलाओं से संपन्न होकर अमृत की वर्षा करता है, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। डॉ. जैन के अनुसार इस दिन व्रत रखकर विधि-विधान से भगवान लक्ष्मीनारायण का पूजन किया जाता है और रात में खीर बनाकर उसे खुले आसमान में रखा जाता है, जिससे चन्द्रमा का प्रकाश खीर पर पड़ता है। इस प्रसाद को ग्रहण करने से अनेक प्रकार के रोगों से छुटकारा मिलता है।

शरद पूर्णिमा का पौराणिक महत्व

शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा की सोममय रश्मियां जब पेड़-पौधों और वनस्पतियों पर पड़ती हैं तो उनमें भी अमृत्व का संचार होता है, इसीलिए इस दिन खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे मध्य रात्रि में रखने का विधान है। रात में चन्द्रमा की किरणों से जो अमृत वर्षा होती है, उसके फल स्वरूप वह खीर भी अमृत समान हो जाती है। उसमें आरोग्य प्रदान करने की क्षमता स्वत: आ जाती है। यह प्रसाद ग्रहण करने से प्राणी मानसिक कष्टों से मुक्ति पा लेता है। इसी के साथ इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा करने से सभी कर्जों से मुक्ति मिलती है। अत: शरद पूर्णिमा को कर्ज मुक्ति पूर्णिमा भी कहते हैं। इस रात्रि को श्रीसूक्त का पाठ, कनकधारा स्तोत्र, विष्णु सहस्त्रनाम का जाप और भगवान श्रीकृष्ण के मधुराष्टकम् का पाठ खास कार्यों की सिद्धि दिलाता है। इसी के साथ भगवान श्रीकृष्ण का सानिध्य भी मिलता है।  

Similar News