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दशहरे की धूम, शुभ मुहूर्त में जलेंगे रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले

Update: 2018-10-19 08:13 GMT

भोपाल। विजयादशमी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। लोग सुबह से ही अपने घरों में साफ-सफाई कर वाहनों को नहला-धुला कर पूजन-अर्चन में जुटे हुए हैं| कई जगहों पर अस्त्र-शस्त्रों का पूजन भी चल रहा है। शाम को जगह-जगह रावण के पुतला दहन के कार्यक्रम होंगे, जिनमें भगवान श्रीराम के चल समारोह निकाले जाएंगे और उसके बाद शुभ मुहूर्त में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाएगा। इस दौरान आतिशबाजी भी होगी।

विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान श्रीराम ने इस दिन रावण का वध किया था और असत्य पर सत्य की जीत हुई थी। इसी खुशी को हर साल लोग उत्सव के रूप में मनाते हैं और इस दिन जगह जगह रावण दहन किया जाता है। कहा जाता है कि रावण के पुतले को जला हर इंसान अपने अंदर के अहंकार, क्रोध का नाश करता है। शुक्रवार को मध्यप्रदेश में यह पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह से ही लोग अपने घरों में वाहनों आदि को नहलाकर पूजन-अर्चन कर रहे हैं। बाजारों में फूलों की दुकानें सजी हुई हैं और लोग जमकर फूलों की खरीदी कर रहे हैं। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के सभी छोटे-बड़े शहरों में जगह-जगह रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशाल पुतले तैयार किए गए हैं। शाम को इन पुतलों का दहन होगा। इससे पहले भागवान श्रीराम अपनी वानर सेना के साथ रथ पर सवार होकर निकलेंगे। रावण दहन के बाद लोग शमी के पेड़ की पत्तियां एक-दूसरे में बांटकर शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते हैं, जबकि अपने बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं। इसके साथ ही दशहरे पर कई जगह नवरात्रि के दौरान प्रतिस्थापित की गई गई मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन भी होगा। प्रदेश के अनेक शहरों में दशहरे पर रावण दहन के बाद मां दुर्गा की प्रतिमाओं का चल समारोह निकाला जाता है, जो देर रात शहरों में भ्रमण कर विजर्सन स्थल पहुंचता है।

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