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बुद्धि के सदुपयोग से मिलती है सही दिशा

- दीप्ति जैन, आधुनिक वास्तु एस्ट्रो विशेषज्ञ

Update: 2019-01-12 13:46 GMT

स्वदेश वेब डेस्क। मनुष्य ईश्वर द्वारा निर्मित अनमोल रचना है। ईश्वर की कलाकारी का तो कोई तोड़ ही नहीं। इतने मनुष्य और हर एक दूसरे से भिन्न। हर कोई अद्वितीय व अनूठा ।

परीक्षा समीप है। हर बच्चा कड़ी मेहनत कर रहा है कई बार देखा गया है कि अथक प्रयास के बावजूद भी कुछ बच्चे पीछे रह जाते हैं और कुछ अपने परिश्रम का उच्च फल प्राप्त करते हैं । यही हाल व्यापारी वर्ग का भी है। हर व्यापारी अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करता है। किंतु कुछ आगे बढ़ जाते हैं और कुछ हाथ मलते रह जाते हैं । ऐसा क्यों है ? यह एक सोचने का विषय है।

ज्योतिष अनुसार बुध ग्रह बुद्धि का कारक है । जिस व्यक्ति के बुध ग्रह शुद्ध होते हैं वह व्यक्ति ईश्वर द्वारा दी गई बुद्धि का सदुपयोग कर जीवन में आगे बढ़ता है और अपने द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पाता है। उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपनी वाणी व मस्तिष्क को सही दिशा देता है। साथ ही जिस व्यक्ति की वाणी पर संयम नही होता उसके आसपास के सभी व्यक्ति उससे अप्रसन्न रहते हैं । इसके विपरीत जिस व्यक्ति का बुद्ध शुद्ध रहता है, वह संयमित ढंग से अपने जीवन को नई दिशा प्रदान करता है। उसके आसपास के सभी लोग उससे प्रसन्न रहते हैं और उसकी प्रगति में सहायता प्रदान करते हैं । वहीं दूषित बुध ग्रह से पीडि़त व्यक्ति में वाणी दोष , मानसिक रोग, दुर्बल स्मरण शक्ति , सेवक की समस्या , चर्म रोग , कुष्ठ रोग व विकारी तंत्रिका तंत्र का सामना करना पड़ता है। यही वह कमी है जो एक मध्यम श्रेणी के विद्यार्थी या व्यक्ति को प्रथम श्रेणी से भिन्न बनाती है । समय रहते इसका उपचार कर लिया जाए तो उचित लाभ होगा।

लक्ष्मण ज्योतिष अनुसार जिस व्यक्ति में हकलाने व भूलने की प्रवृत्ति रहती है, वह दूषित बुध ग्रह से पीडि़त होता है । साथ ही त्वचा रोग, दंत रोग, चिड़चिड़ापन दूषित बुध ग्रह का सूचक है। शरीर में अकारण कंपन उत्पन्न होना भी दूषित बुध ग्रह का सूचक है।

बुध ग्रह के देवता श्री गणेश है। श्री गणेश ,विघ्नहर्ता ,दुखहर्ता व सुखकर्ता है । जो अपने भक्तों की हर पीड़ा, चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक सभी पीड़ा को हर लेते हैं। जो व्यक्ति सच्चे मन से श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना करता है, उसका बौद्धिक विकास होता है।

बुध ग्रह शुद्धि व उच्च फल की प्राप्ति हेतु घर की उत्तर दिशा में हरियाली का प्रबंध करें। हरी सब्जी का सेवन व दान करें। गाय को हरा चारा खिलाएं। गरीब विद्यार्थी को कलम भेंट करें। बुधवार के दिन मूंग का सेवन व दान करें। अध्ययन कक्ष व कार्यालय में फिटकरी रखें। तोते को अमरुद खिलाकर पिंजरे से मुक्त कराएं। सभी विपदा से मुक्ति मिलेगी। रुके हुए काम बनेंगे । साथ ही पन्ना धारण करने से भी उचित लाभ होगा।

इन उपायों के साथ साथ अगर व्यक्ति व्यवहारिकता में भी बदलाव लाए तो सोने पर सुहागा होगा। अपनी बहन बेटियों का कभी भी अपमान ना करें । किसी असहाय व गरीब पर कभी अपनी वाणी से प्रहार ना करें। ऐसा करने से बुध ग्रह शोधित होकर चमत्कारिक लाभ देंगे।

कहें कबीरा---

दुर्बल को न सताइए ,

जाकी मोटी हाय।

बिना जीव की स्वास से

लोह भस्म हो जाय।

उपलिखित उपाय अगर जातक कुशल ज्योतिष की सलाह से कुंडली अध्ययन के पश्चात करे तो उचित लाभ होगा।


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