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ऐसा नजर आया चंद्र ग्रहण का अद्भुत नजारा

149 सालों के बाद आया था अनोखा संयोग

Update: 2019-07-17 04:19 GMT

नई दिल्ली। देश में मंगलवार आधी रात के बाद 1.31 बजे चंद्र ग्रहण लगा, जो कि सुबह 4.30 बजे तक नजर आया। यह दुर्लभ संयोग 149 वर्षों के बाद बना था। इसके पूर्व ऐसा संयोग 12 जुलाई 1870 को बना था। इसे भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका में देखा गया। तड़के तीन घंटे तक लगने वाले आंशिक चंद्र ग्रहण का गवाह पूरा देश बना जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आई।

मंगलवार की रात चंद्रमा का केवल एक हिस्सा धरती की छाया से गुजरा। बुधवार को सुबह 3:01 पर चंद्रमा का 65 प्रतिशत व्यास धरती की छाया में रहा। भारत में अगला चंद्र ग्रहण 26 मई, 2021 को लगेगा जब यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के मुताबिक गुरु पूर्णिमा पर 16-17 जुलाई की रात खंडग्रास चंद्र ग्रहण लगा। यह शनि की राशि मकर पर लगा है।

चंद्र ग्रहण: 16-17 जुलाई

स्पर्श: रात 1.31 बजे से

मध्य: समय 3-01 बजे

मोक्ष: सुबह 4.30 बजे

सूतक ग्रहण लगने से नौ घंटे पहले से शुरू हो गया। चंद्र ग्रहण में गंगास्नान से एक हजार वाजस्नेय यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है। चंद्र ग्रहण से वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर व कुंभ राशि के लोग प्रभावित होंगे।

जानिए किस राशि पर क्या पड़ेगा असर

मेष: धन लाभ, मान-सम्मान में वृद्धि

वृष: धन हानि, स्वास्थ्य प्रभावित

मिथुन: धैर्य की कमी, कार्य में देरी

कर्क: माता को कष्ट, संक्रमण

सिंह: मानसिक तनाव, कार्य में बाधा

कन्या: चिड़चिड़ापन, अधिकारी से परेशानी

तुला: अप्रत्याशित लाभ, प्रेम संबंध बनेंगे

वृश्चिक: आलस्य, भाग्य में अवरोध

धनु: शारीरिक कष्ट, साझीदारी में परेशानी

मकर: संघर्ष,चोट-चपेट

कुंभ: कार्य सिद्धि, सम्मान

मीन: लंबी यात्रा, योजना प्रभावी होगी 

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