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2 फरवरी से शुरू होगी गुप्त नवरात्रि, 19 साल बाद राहु वृषभ, केतु वृश्चिक राशि में होंगे

Update: 2022-01-30 16:21 GMT

वेबडेस्क। हम लोग साधारण तौर पर दो नवरात्रि महोत्सव जानते और मनाते है लेकिन सनातन मान्यताओं के अनुसार चार साल में चार नवरात्रि आते है। शारदीय, ग्रीष्म के अलावा दो और नवरात्रि होते है, जिन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।  ये नवरात्रि माघ और आषाढ़ माह में आते है।  

माघ माह के गुप्त नवरात्रि  2 फरवरी बुधवार से शुरू हो रहे है जोकि गुरुवार, 10 फरवरी को समाप्त होंगे। हिन्दू मान्यताओं में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है। इन दिनों में मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रुमावती, मां बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की दस महाविद्याओं के लिए साधना की जाती है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस साल गुप्त नवरात्रि में सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ राहु अपनी मित्र राशि वृषभ में और केतु वृश्चिक राशि में रहेगा। इससे पहले साल 2003 की माघ माह के नवरात्रि में राहु वृषभ और केतु वृश्चिक राशि में था। इसके अलावा 2022 की माघ नवरात्र में सूर्य-शनि मकर राशि में रहेंगे। मकर शनि के स्वामित्व की राशि है। सूर्य-शनि एक साथ एक ही राशि में होने से साधनाएं जल्दी सफल हो सकती हैं।

गुप्त नवरात्र में गुत्प रूप से माँ दुर्गा की साधना की जाती है। जिसकी जानकारी किसीको नहीं दी जाती।  जिसके कारण ही इसे गुप्त नावरात्रि कहते है।  इस दौरान इन दौरान 9 दिनों तक संकल्प लेकर व्रत रखना होता है। इस दौरान प्रत्येक दिन सुबह और शाम को मां दुर्गा की आराधना करनी होती है। इसके साथ अष्टमी या नवमी पर कन्या पूजन कर व्रत तोड़े जाते हैं। 


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