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जम्मू - कश्मीर : अलगाववादियों नेताओं की खुली पोल

Update: 2019-07-04 10:00 GMT

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेता अपना घर फूंककर तमाशा नहीं देखना चाहते हैं। वे तो दूसरों के घरों में आग लगाकर तमाशा देख रहे हैं। ऐसी ही रिपाेर्ट आने पर पता चलता है। क्योंकि अलगाववादी नेता कश्मीरी युवाओं को भटका कर उनके हाथों में से पुस्तक और कलम छिनकर पत्थर देकर देशद्रोही बना रही है। अपने बच्चों को विदेश में पढाई करने के लिए भेज देते हैं। इन नेताओं की पोल जब खुली जब गृह मंत्रालय ने उन अलगाववादी नेताओं की लिस्ट जारी की है, जिनके बच्चे विदेश में जाकर आराम से पढाई कर रहे हैं। 14 अलगाववादियों के बच्चाें को विदेश में विशेषाधिकार भी प्राप्त है।

निसार हुसैन (वहीदत ए इस्लामी) का बेटा और बेटी ईरान में रह रह रहे हैं। वहां बेटी नौकरी करती है। बिलाल लोन का सबसे छोटी बेटी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रही है। अशरफ सहरई (चेयरमैन, तहरीक-ए-हुर्रियत) का दो बेटे खालिद-आबिद सऊदी अरब में काम करते हैं।

जीएम. भट्ट (आमिर ए जमात) का बेटा सऊदी अरब में डॉक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा है। आसिया अंद्राबी (दुख्तरान-ए-मिल्लत) के दोनों बेटे विदेश में हैं। एक मलेशिया में पढ़ाई कर रहा है और दूसरा बेटा ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने में मशगूल है। मोहम्मद शफी रेशी (DPM) का बेटा अमेरिका में पीएचडी कर रहा है। अशरफ लाया (तहरीक ए हुर्रियत) की बेटी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई में जुटी है।

इसी तरह जहूर गिलानी (तहरीक ए हुर्रियत) (सैयद अली शाह का दामाद) का बेटा सऊदी अरब में एयरलाइंस में काम करता है। मीरवाइज उमर फारूक (हुर्रियत के चेयरमैन) की बहन अमेरिका में रहती हैं। मोहम्मद युसूफ मीर (मुस्लिम लीग) की बेटी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है।

आपको बताते जाए कि ये वे नेताओं की लिस्ट है जो अलग कश्मीर के नाम पर घाटी में हिंसा को बढ़ावा देते हैं। युवाओं को हिंदुस्तान के खिलाफ भड़काते हैं और देशविरोधी हरकतें करवाते है और अक्सर कश्मीर में बंद भी बुलाया करते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में ऐलान किया था कि मोदी सरकार ने अलगाववादियों को दी गई सुरक्षा वापस ले ली है।

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