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केंद्र के साथ टकराव का मौका तलाशती है ममता सरकार : भाजपा

Update: 2019-03-25 13:16 GMT

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने तृणमूल कांग्रेस और उसके नेता अभिषेक बनर्जी पर उनकी पत्नी का कोलकाता एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों के साथ हुए नोंकझोंक के मामले को लेकर हमला बोला है। पार्टी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सवाल किया कि आखिर ब्रीफकेस में ऐसा क्या था, जिसके लिए कस्टम अधिकारियों के साथ तीखी झड़प हुई। भाजपा ने पश्चिम बंगाल सरकार पर आरोप लगाया कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने जानबूझकर हर कदम पर संघीय ढांचे के मामले पर केंद्र के साथ टकराव का रास्ता तलाशती है।

अभिषेक बनर्जी को जवाब देना चाहिए कि एक जिम्मेदार नागरिक और यात्री ने अपने बैगों की जांच किए जाने का विरोध क्यों किया।

भाजपा सांसद स्वप्न दासगुप्ता और प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने संवाददाता सम्मेलन में पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के शासन की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है। शाहनवाज ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा मर्यादा तोड़ी जा रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बताना चाहिए कि ब्रीफकेस में ऐसा क्या था जिसकी जांच नहीं कराई गई।

दासगुप्ता ने कहा कि इस प्रकरण से स्पष्ट है कि चुनाव के दौरान राज्य पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। चुनाव में पश्चिम बंगाल की पुलिस तटस्थ भूमिका में रहेगी इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि ममता बनर्जी के शासन में पुलिस पूरी तरह तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता की तरह काम कर रही है। चुनाव आयोग को मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और कोलकाता हवाई अड्डे पर कस्टम अधिकारियों को धमकी देने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

दासगुप्ता ने कहा कि अगर अभिषेक बनर्जी की पत्नी के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं था तो क्यों स्थानीय पुलिस ने सीमा शुल्क के विशेष क्षेत्र में प्रवेश किया था और कस्टम अधिकारियों से उन्हें बिना जांच जाने देने की अनुमति देने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस और अभिषेक बनर्जी को भी इस बात का जवाब देना चाहिए कि पुलिस अधिकारी अगले दिन हवाई अड्डे पर क्यों गए और तीनों सीमा शुल्क अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी दी।

भाजपा सांसद स्वप्न दासगुप्ता ने इस तर्क पर भी सवाल उठाया कि स्थानीय पुलिस ने हवाई अड्डे पर एक नए मानदंड का प्रस्ताव क्यों दिया, जिसके तहत नामित वीआईपी की जांच नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि इस तरह का प्रस्ताव सीमा शुल्क अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ था और यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि किसने पुलिस को ऐसा प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया।

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