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हर्ष मंदर पर SC की अवमानना का आरोप, पुलिस की कार्रवाई शुरू करने की मांग

Update: 2020-03-05 06:28 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने शीर्ष कोर्ट के खिलाफ टिप्पणी करने वाले कार्यकर्ता हर्ष मंदर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना ​​कार्रवाई शुरू करने की मांग की। पुलिस ने बुधवार को अदालत में दायर एक हलफनामे में इसकी जानकारी दी। आपको बता दें कि बीजेपी नेताओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण को लेकर मामला दर्ज करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर खुद ही घिर गए। मंदर का विवादित वीडियो सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए उनसे सफाई मांगी है।

मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने कहा, "अगर आप अदालत के बारे में यही महसूस करते हैं तो हम आपको नोटिस जारी करते हैं।" न्यायमूर्ति बी.आर.गवई ने हर्ष मंदर के उस वीडियो के बारे में पूछा, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर शीर्ष अदालत और संसद की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे। प्रधान न्यायाधीश ने मंदर के वकील करुणा नंदी से कहा, "अगर आप सुप्रीम कोर्ट के बारे में ऐसा महसूस करते हैं तो हमें तय करना होगा कि आपके साथ क्या करना है।" नंदी ने कहा, "उन्होंने (मंदर ने) यह कभी नहीं कहा। मुझे कोई प्रति नहीं दी गई।"

बोबडे ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को आरोपों का जवाब तैयार करने के लिए मंदर को ट्रांसक्रिप्शन और दस्तावेज देने को कहा। शीर्ष अदालत ने बीजेपी नेताओं अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के मुद्दे पर भी केंद्र से पूछा। खासकर तब, जब माहौल एफआईआर दर्ज करने के लिए अनुकूल है। मेहता ने कहा कि इसे कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर छोड़ दिया जाना चाहिए, क्योंकि इसमें कई कारक शामिल हैं।

इससे पूर्व कोर्ट में सरकार की ओर से एसजी तुषार मेहता ने कहा कि दंगों के मामले में 400 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। जहां तक हेट स्पीच का सवाल है तो ये मामले मौजूदा एफआईआर में जुड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर्ष मंदर ने कोर्ट के बारे में बहुत आपत्तिजनक भाषण दिया है और लोगों को भड़काया है। उन्होंने इससे पूर्व असम के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंदर को याचिका से हटाने के बारे में भी बताया। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेताओं की ओर से भड़काऊ भाषण देने के मामले में हर्ष मंदर की याचिका पर कहा कि इस पर तब तक सुनवाई नहीं होगी, जब तक कि न्यायपालिका को लेकर की गई उनकी टिप्पणी का मामला नहीं सुलझ जाता। जस्टिस बोबडे ने मंदर के भाषण का ट्रांसक्रिप्ट मांगा। इस भाषण में मंदर सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ टिप्पणी करते हुए दिख रहे हैं और लोगों से कह रहे हैं कि मामला सड़क पर सुलझेगा। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को होगी।

दरअसल, भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने बुधवार को एक विडियो ट्वीट किया था, जिसमें हर्ष मंदर कथित तौर पर कहते दिख रहे हैं कि अब फैसला संसद या सुप्रीम कोर्ट में नहीं, सड़कों पर होगा। मंदर कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या और कश्मीर के मामले में इंसानियत और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा नहीं की, इसलिए लोग अब सड़कों पर अपने भविष्य का फैसला करेंगे। 

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