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कांग्रेस में टिकट पर नहीं बन पा रही सहमति

सिंधिया, कमलनाथ, दिग्विजय की तनातनी 10 जनपथ में भी रही कायम

Update: 2018-11-01 03:30 GMT

नई दिल्ली। मप्र कांग्रेस की आपसी तनातनी 10 जनपथ में भी रही। केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एकदम अलग-थलग रहे, वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के बीच भी सामंजस्य का अभाव दिखा। बुधवार को सिर्फ 40 उम्मीदवारों के नाम पर ही चर्चा हो पाई, इसलिए गुरुवार को फिर चुनाव समिति की बैठक बुलाई गई है। सूत्र बताते हैं कि चुनाव समिति की बैठक में दिग्विजय सिंह से कोई खास राय नहीं ली गई। सीटों के समीकरण पर सारी चर्चा कमलनाथ से की गई। कमलनाथ से यह जाना गया कि कांग्रेस अपने दम पर कितनी सीट जीत सकती है और दूसरे दल के लोगों को लाकर टिकट देने से पार्टी को कितना फायदा होगा। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस हारे हुए लोगों को टिकट नहीं देने सहित सभी फार्मूले से पीछे हट गई है। राज्य में कांग्रेस के ताकतवर होने का जो मुगालता था, वह धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। पार्टी के सामने सबसे बड़ी समस्या नेताओं के बीच सामंजस्य बनाना और ऐसे लोगों को टिकट देने की है, जिससे हार का सामना नहीं करना पड़े। वैसे कांग्रेस की राज्य की गुटबाजी केन्द्रीय चुनाव समिति में भी दिखाई दी।

सूत्र बताते हैं कि 10 जनपथ में लगभग पांच घंटे चली चुनाव समिति की बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के बीच तालमेल का अभाव दिखा। क्योंकि सीटों को लेकर चर्चा में सिधिंया और कमलनाथ की राय में भिन्नता थी। कमलनाथ की राय सीट को लेकर कुछ और थी तो सिधिंया उस सीट पर कुछ और तर्क दे रहे थे। दिग्विजय सिंह को सीट बंटवारे से बिलकुल दूर रखा गया है। उनसे किसी भी सीट के लिए रायशुमारी नहीं की गई। कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बताया कि आज केवल 40 सीटों पर ही चर्चा हो पाई है। बाकी सीटों पर चर्चा के लिए गुरुवार को फिर चुनाव समिति बैठने वाली है।  

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