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कांग्रेस ने भाजपा को ही बिजली के बिलों को लेकर किया कटघरे में, जानें क्या है पूरा मामला

Update: 2019-11-02 15:35 GMT

इंदाैर। प्रदेशभर में भाजपा 4 नवंबर को बिजली के बिलों की होली जलाने को तैयार है लेकिन अचानक प्रदेश की राजनीति कुछ बदल गई है। कांग्रेस ने भाजपा पर जनता को गुमराह करने वाली राजनीति करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा नेता खुद इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ लेकर 100 रुपए से कम का बिजली बिल जमा कर रहे हैं, जबकि उनके राज में उन्हें हजारों रुपए का बिल भरना पड़ रहा था।

हम आपको बता दें कि प्रदेश कांग्रेस सचिव विवेक खंडेलवाल ने कहा कि भाजपा 4 नवंबर काे प्रदेशभर में बिजली की हाेली जलाने जा रही है। उनका आरोप है कि बिजली बिल माफ नहीं किए गए हैं। कमलनाथ सरकार के आने के बाद प्रदेश में इंदिरा ग्रह ज्योति योजना लागू की गई, जिसमें इंदौर संभाग के 30 लाख बिजली उपभोक्ताओं के साथ ही प्रदेशभर में उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिला। इस योजना का लाभ भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, विधायक आकाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता और एमआईसी सदस्य सहित भाजपा के कई पार्षद का नाम शामिल है। उनकी सरकार में हजारों रुपए के बिल आते थे, आज कांग्रेस सरकार में उनके बिल 100 रुपए से नीचे आ रहे हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के निवास का पिछले 6 माह से 0 रीडिंग का बिल आ रहा है। वे बताएं कि उनके पास ऐसी कौन सी जादू की झड़ी है कि इतना काम बिजली बिल आ रहा है। वर्तमान बिल भी इंदिरा ग्रह ज्योति योजना के अंतर्गत 40 रुपए सब्सिडी घटाकर सिर्फ 93 रुपए का बिल आया है। उन्हें बिजली बिल की होली जलाने के बजाय इस योजना को लाने के लिए धन्यवाद ज्ञापन सौंपना चाहिए। भाजपा एक तरफ आम जनता को गुमराह करने के लिए बिजली के बिलों की होली जलाने का दिखावा कर रही है। जबकि दूसरी आरे भाजपा के नेताओं और पदाधिकारियों द्वारा ही योजना का लाभ लेकर सस्ते बिजली के बिल जमा किए जा रहे हैं।

खंडेलवाल ने कहा कि विजयवर्गीय के निवास पर छह महीने से शून्य रीडिंग का बिल आ रहा है। इसके अलावा उन्हें बिल पर 40 रुपए की इंदिरा ज्योति योजना के तहत सब्सिडी भी मिली है। पूरे मामले में मैंने मुख्यमंत्री कमलनाथ, उर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह और बिजली विभाग के सीएमडी से निवेदन किया है कि विजयवर्गीय के जोन में मौजूद एई, जेई को तत्काल निलंबित किया जाए। साथ ही जांच करवाई जाए कि आखिर उन्हें किसी तरह से छह महीने से इतनी झूट दी गई।

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