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कलेक्टर लेबर रेट से भी कम में पढ़ाते हैं अथिति शिक्षक

Update: 2021-06-20 13:24 GMT

उज्जैन/श्याम चौरसिया। बेहद मानवीय,सवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राज में 10 से अधिक सालों से बतौर अथिति शिक्षक ज्ञान देने वाले करीब 69 हजार प्रशिक्षित, प्रतिभावान शिक्षक कलेक्टर लेबर रेट से भी पढा निःठुर व्यवस्था के शिकार होते आ रहे है। इनका भविष्य सुनिश्चित ओर शोषण मुक्त करने के लिए खुद cm चोहान ओर सीनियर बेदाग नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीड़ा उठाया था।

सिंधिया को उनका वचन याद दिलाने के लिए दर्जनो बार अथिति शिक्षक मिल चुके। ढेरो ज्ञापन,स्मृति पत्र सिंधिया ओर मुख्यमंत्री को दे चुके। नतीजा ढाक के तीन पात। cm ओर सिंधिया को नोकर शाही पता नही कोन सी घुट्टी पिला कर ग़ुमराह कर देती ओर वे बेबस हो जाते।

चयनित करीब 20 हजार से अधिक अथितियों को शीघ्र ही नियुक्ति पत्र मिलने की उम्मीद है। मगर इन 60 हजार से अधिक अथितियों के एक तरफ कुआ ओर दूसरी तरफ खाई है। अनिश्चिता का तनाव और उम्मीद के बीच झूलते अथितियों ने पूर्व CM कमलनाथ को वचन पालन कराने के लिए लम्बी मैदानी जंग भी लड़ी। महिला शिक्षको ने केश की आहुति भी दी। आर्थिक तंगी का मुकाबला न करने वाले दर्जनो निपट भी गए। कॅरोना ने भी बलि ले ली। मगर न तो CM न सिंधिया नौकर शाही की नकेल कस पा रहे है। ताकि अथितियों का भविष्य सुनिश्चित हो सके।

अथितियों का दुर्भाग्य है उन्हें कलेक्टर लेबर रेट 290/₹ प्रतिदिन से भी कम में पढ़ाना पड़ता है। लेबर के लिए पढा लिखा होना अनिवार्य नही है।जबकि सेवारत 99% अथिति से अधिक pg डिग्री धारी ओर बीएड है। इन्हें महीने में केवल 21 दिन का मानदेय दिया जाता है। चाहे फिर महीने में 25-26 दिन सेवा दे। अवकाश का मानदेय नही मिलता। फिक्स वेतन नही।

आंगनवाड़ियों में तैनात आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका अथितियों के मुकाबले ज्यादा भाग्यशाली है। इन्हें फिक्स 10 हजार वेतन और अन्य सुविधाएं भी मिलती। अथितियों को न प्रसूति न मेडिकल अवकाश की पात्रता है । अन्य सुविधाओं की बात दीगर है। जबकि प्रसूति अवकाश निजी कम्पनियां भी देती है। यानी मप्र का शिक्षा विभाग मानवीयता ओर सवेदनशीलता बलाए ताक रखता प्रतीत होता है।

नया शिक्षण सत्र का श्रीगणेश हो चुका है। CM ने अन्य प्रदेशों के CM के मुकाबले मप्र को कम समय और कम नुकसान में कॅरोना मुक्त करने और टीकाकरण का कीर्तिमान रचा।अब अथितियी को भी वरदान देखकर उन्हें तनावमुक्त करने में विलंभ नही करना चाहिए।ये उनके एजेंडे में शामिल है। सनद रहे। जब बीजेपी सत्ता से बेदखल हो गयी थी। तब बतौर पूर्व cm शिवराज सिंह चौहान ने cm कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा था- अथितियों ! आपको नाथ नही बल्कि में ही स्थाई करूंगा। करो। अब किसकी प्रतीक्षा है। तमान निजाम की लगाम आपके हाथ में है।


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