नृत्य में रस का होना बहुत आवश्यक है बिना रस के नृत्य नीरस है : मधुमिता मिश्रा
उपज अकादमी ने कथक व्याख्यान का फेसबुक लाइव आयोजन किया
ग्वालियर।उपज अकादमी द्वारा फेसबुक पर लाईव प्रोग्राम कराया गया। जिसमें कथक की सुप्रसिद्ध कलाकार "मधुमिता मिश्रा रॉय" ने भाग लिया।मधुमिता मिश्रा ने पद्मविभूषण गुरु "पंडित बिरजू महाराज" जी से कथक की शिक्षा प्राप्त की है।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया की किसी भी कला मे निपुण होने के लिए उस कला के लिए दिल से प्यार होना चाहिए, उन्होंने बताया गुरु एक साधना है आप गुरु को जितना जानेंगे उतना ही कला के पास आ पाएंगे एवं गुरु ही हमें पथ दिखाते हैं इसलिए उन्हें सुनना चाहिए तभी हम नृत्य की साधना कर पाएंगे। उन्होंने बताया नृत्य में रस का होना बहुत आवश्यक है बिना रस के नृत्य नीरस है।उन्होंने आमद और थाट को अभिनय के साथ किस प्रकार कर सकते हैं यह बताया। उन्होंने लखनऊ घराने की आमद छंद एव गिनती की तिहाई में गेंद एवं तलवार के साथ अंदाज दिखाया।
उन्होंने बताया कथक एक परिवर्तन नृत्य शैली है जिसकी शुरुआत मंदिर से हुई थी इसके पश्चात उन्होंने अभिनय के बारे में बताया।अंत में उन्होंने नंदलाल-यशोदा, राधा-कृष्ण आदि पर आधारित भाव (कैसे को जाऊं श्याम रोके डगरिया) प्रस्तुत किया, साथ ही साथ उन्होंने उपज का अर्थ बताते हुए कहा कोई भी चीज जो मंच पर जाकर अपने आप कलाकार द्वारा उत्पन्न की गई हो उसे उपज कहते हैं। कार्यक्रम के अंत में मधुमिता मिश्रा रॉय जी को उपज अकादमी के निर्देशक एन. के झा जी ने बधाईयां दी एवं आभार व्यक्त किया।